सार
Greater Noida : यदि आप नोएडा शहर के बॉर्डर पर स्थित ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहते हैं तो सावधान रहें। यदि आपने किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण किया तो आपकी खैर नहीं रहने वाली है।
विस्तार
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शाहबेरी गांव में हुए हादसे के बाद दिए गए स्टेटस को (यथा स्थिति) के आदेश को दरकिनार कर अवैध रूप से निर्माण करने वाले बिल्डरों पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की निगाहें अब टेढ़ी हो गई है। भूमाफियाओं द्वारा शाहबेरी गांव में विभिन्न खसरों पर किए गए अवैध निर्माण के खिलाफ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक बार फिर कार्यवाही शुरू कर दी है। प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक ने दो महिलाओ सहित 23 लोगों के खिलाफ अवैध निर्माण करने के आरोप में थाना बिसरख में मुकदमा दर्ज कराया है।
इनके विरूद्घ हुआ मामला दर्ज
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वर्क सर्कल 1 के सहायक प्रबंधक ने सगीर, राजेश कुमार भारद्वाज, जगबीर सिंह कसाना, यासीन, कपिल अरोड़ा, शहरयार खान, वैभव मिश्रा, असमत खान, शिवकुमार बंसल, तालिब हुसैन तथा श्रीमती दीप्ति मिश्रा के खिलाफ शाहबेरी गांव के विभिन्न खसरों की भूमि पर प्राधिकरण की बिना अनुमति के अवैध रूप से बहुमंजिले भवन का निर्माण करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। नामजद कराए गए 9 आरोपियों में से कई आरोपी बिल्डर हैं जो शाहबेरी में बहुमंजिलें भवन का निर्माण करा रहे हैं।
इनके अलावा शाहबेरी में प्राधिकरण की बिना अनुमति के अवैध रूप से क्रिकेट स्टेडियम, भवन व दुकानों का निर्माण करने के आरोप में प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक ने सगुवा, कादिर, मुजाहिद हुसैन खां, संतोष चौधरी, शशांक चौधरी, निशांत कुमार, प्रशांत कुमार, श्रीमती मंगेश, राजपाल सिंह, श्योराज सिंह, जिले सिंह, आसाराम, मनीष व संदीप के खिलाफ धारा 188 447 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।
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ढह गई थी इमारत
बता दें कि कुछ वर्ष पूर्व शाहबेरी में एक बहुमंजिली इमारत भरभरा कर गिर गई थी। इस हादसे में कई लोग मारे गए थे। उस दौरान इस मामले की गूंज लखनऊ तक भी पहुंची थी। इस हादसे की जांच के दौरान पता चला था कि बिल्डर तमाम कायदे कानून को ताक पर रखकर यहां बहुमंजिलें भवनो का निर्माण करा कर उन्हें भोले भाले लोगों को बेच रहे हैं। इसके बाद यहां बहु मंजिलें भवनो के निर्माण पर रोक लगा दी गई थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यहां स्टेटस को (यथा स्थिति) के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी यहां बिल्डर चोरी छुपे बहुमंजिले भवनो का निर्माण करा रहे हैं।चर्चा है कि इस सारे खेल में प्राधिकरण के कुछ कर्मचारी की संलिप्तता है, वहीं कुछ पुलिसकर्मी भी इन कथित बिल्डरों को संरक्षण दे रहे हैं। इसी कारण यहां चोरी छुपे बहुमंजिले भवनों का निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहा है। पूर्व में भी कई बार इन बिल्डरों के कारनामों की शिकायते प्राधिकरण अधिकारियों तक पहुंची थी, बावजूद इसके बिल्डरों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई। अब प्राधिकरण द्वारा 23 लोगों के खिलाफ दर्ज कराए मुकदमे से यहां सक्रिय बिल्डरों व भूमाफियाओं में हडक़ंप मच गया है।
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