Site icon चेतना मंच

Noida Janmashtami: जन्माष्टमी पर आज खीरे के भाव आसमान पर पहुंचे

Noida Janmashtami

Noida Janmashtami

Noida Janmashtami: नोएडा में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी में खीरे का विशेष महत्व होता है। इसी महत्व को नजर में रखते हुए आज नोएडा सब्जी मंडी में खीरे का दाम आसमान छू गया है। जो खीरा दो दिन पहले तक 40 रूपये किलो के हिसाब से बिक रहा था। वह खीरा आज सुबह नोएडा के सब्जी विक्रेता 10 रूपये से लेकर 20 रूपये प्रति खीरे के हिसाब से बेच रहे थे।
कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व आज धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर साल भाद्र मास की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। आज ही के दिन रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए रोहिणी नक्षत्र में जब अष्टमी तिथि पड़ती है, तब भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। देशभर के मंदिरों और घरों में श्री कृष्ण को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता है और उनकी लीलाओं को याद कर इस दिन को मनाया जाता है। ऐसे में बहुत से जगहों में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव में खीरा काटने की रस्म भी होती है। मान्यता है कि खीरे के बिना भगवान की पूजा अधूरी है।

खीरे और कृष्ण जन्माष्टमी का क्या संबंध है

Noida Janmashtami

आपको बता दें कि जितना महत्व भगवान लड्डू गोपाल की पूजा में माखन मिश्री का है, उतना ही खीरे का भी है। मान्यता है कि खीरे के बगैर बांके बिहारी की पूजा अधूरी है। जो कोई भी भगवान श्री कृष्ण को खीरा चढ़ाता है उससे लड्डू गोपाल प्रसन्न होते हैं और उसकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। मान्यता है कि पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली खीरे में डंठल होनी चाहिए और एक से दो पत्ते भी, तभी वह पूजा में इस्तेमाल करने के लिए सही खीरा है। इस खीरे को रात को 12.00 बजने के बाद शुभ मुहूर्त में काटा जाता है।

क्यों होता है खीरा शुभ

Noida Janmashtami

डंठल वाले इस खीरे से जुड़ी ये मान्यता है कि जब बच्चे का जन्म होता है, तो बच्चे को मां के गर्भ से अलग करने के लिए गर्भनाल या नाल फूल को काटा जाता है। ठीक उसी प्रकार डंठल वाले खीरे को भगवान श्री कृष्णका गर्भनाल या नालफूल माना जाता है और खीरे को काटकर श्री कृष्ण को मां देवकी से अलग करने की रस्म के तौर पर मनाया जाता है। इस डंठल वाले खीरे को काटने की प्रक्रिया को नाल छेदन के नाम से जाना जाता है।
श्री कृष्ण की पूजा में खीरे को शामिल करने से पहले खीरे को शुद्ध पानी से धो लें। अब इस खीरे को भगवान श्री कृष्ण (कृष्ण जी के प्रिय फूल) के पास रखें और रात के 12 बजे कृष्ण जन्म के साथ खीरे को किसी सिक्के से काटें और 3 बार शंखनाद करते हुए भगवान के जन्म की बधाई दें। इसके उपरांत इस खीरे को प्रसाद के रूप में सभी में बांट दिया जाता है।

Noida News : नोएडा के सोम मेले में टूटा झूला, सास की मौत, बहू समेत कई घायल

ग्रेटर नोएडा नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।

Exit mobile version