PM Vishwakarma Yojana 2023: मीना कौशिक। विश्वकर्मा पूजा पर केंद्र सरकार देश भर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के पारंपरिक विश्वकर्मा शिल्पियों को समृद्ध करने के लिए पीएम विश्वकर्म योजना का उत्कृष्ट तोहफा देने जा रही है। यह ऐसा पहला मौका है जिसमें देश के ग्रामीण और शहरी सभी पारंपरिक शिल्पी पीएम विश्वकर्म योजना के अंतर्गत अपने शिल्प और जीवन को समृद्ध कर सकेंगे। यह व्यापक योजना 13000 करोड़ की लागत से देश भर के पारंपरिक शिल्पियों के हुनर को समृद्ध करके उद्यम का रूप दे सकेंगी। उनको अपनी खास पहचान मिलेगी उन्हें प्रधानमंत्री विश्वकर्मा पहचान पत्र प्रमाण पत्र ,औजारों की किट के साथ-साथ, आर्थिक सहायता और वित्तीय लोन भी प्राप्त होगा। जानकारी के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में 30 लाख से अधिक पारंपरिक विश्वकर्मा शिल्पीयों को समृद्ध बनाने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए वित्त मंत्रालय के बीच गहन बैठक हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर 17 सितंबर, 2023 को दिल्ली के द्वारका स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर पर “पीएम विश्वकर्मा” नाम से एक नई योजना का शुभारंभ कर रहे हैं।
PM Vishwakarma Yojana 2023 का 18 शिल्प श्रेणीयों के साथ व्यापक दायरा
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत वित्त मंत्रालय की जानकारी के अनुसार इस वित्तीय मौजूदा वर्ष में लगभग तीन लाख से अधिक लाभार्थी 18 श्रेणीयों में इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
स्थानीय पारंपरिक विश्वकर्मा शिल्पियों को मिलेगी खास पहचान
पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान-पत्र के माध्यम से विश्वकर्माओं को मान्यता प्रदान की जाएगी। विश्वकर्माओं को कौशल उन्नयन के लिए ऋण सहायता और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। एक हफ्ते से भी कम के प्रशिक्षण पर यह वित्तीय सहायता लोन के रूप में मामूली ब्याज दर पर मिलेगी। इनका पंजीकरण भी पोर्टल पर मुक्त किया जाएगा।
सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध बनाने का मकसद..
इस योजना का मकसद देश भर में छोटे से छोटे पारंपरिक और कुशल शिल्पीयों को उसकी खास पहचान देना और समृद्ध बनाना है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना अब भारत के हस्त शिल्पियों को खास पहचान देगी। और अब वह प्रशिक्षण और राष्ट्रीय विश्वकर्मा मंच पोर्टल के जरिए एक समृद्ध उद्यम स्थापित करके समृद्ध भारत का हिस्सा होंगे।उल्लेखनीय है प्रधानमंत्री का पारंपरिक शिल्प में लगे लोगों को सहायता प्रदान करने पर निरंतर ध्यान केन्द्रित रहा है। यह फोकस न केवल कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और विविध विरासत को जीवित और समृद्ध बनाए रखने की इच्छा से भी प्रेरित है।
PM Vishwakarma Yojana 2023 योजना का प्रारूप…
पीएम विश्वकर्मा को 13,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा। इस योजना के तहत, बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से विश्वकर्माओं का निःशुल्क पंजीकरण किया जाएगा। उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान-पत्र, मूलभूत और उन्नत प्रशिक्षण से जुड़े कौशल उन्नयन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक संपार्श्विक-मुक्त ऋण सहायता, डिजिटल लेन देन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी ।
पारंपरिक कौशल के गुणवत्ता में आएगा सुधार…
इस योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले विश्वकर्माओं द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित प्रथा को सुदृढ़ बनाना और पोषित करना है। पीएम विश्वकर्मा का मुख्य फोकस कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत हों। इस योजना से स्थानीय स्तर पर पारंपरिक छोटे-छोटे कार्य करने वाले शिल्पियों की गुणवत्ता में का सुधार आएगा क्योंकि उन्हें प्रशिक्षण का भी मौका मिलेगा और अपने बने उत्पादों को बेचने के लिए एक अच्छा मंच भी मिलेगा
PM Vishwakarma Yojana 2023 कौन होगा लाभार्थी.
पीएम विश्वकर्मा के अंतर्गत अठारह पारंपरिक शिल्पों को शामिल किया जाएगा। इनमें बढ़ई; ,नौका निर्माता, शस्त्रसाज; लोहार;हथौड़ा और टूल किट निर्माता;ताला बनाने वाला; सुनार; कुम्हार; मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला; मोची (जूता/जूता कारीगर); राजमिस्त्री; टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर; गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक); ) नाई; माला बनाने वाला; धोबी; दर्जी; और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला शामिल हैं।
गुड़िया बनाने वाले से लेकर मूर्तिकार तक सभी को मिलेगा पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ…
हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत में युवा महिला पुरुष सभी अपने स्थानीय संसाधनों से गुड़िया बनाने ,दरी चटाई बनाने, बड़े-बड़े बिल्डिंग बनाकर राजमिस्त्री का काम करने ,मछली पकड़ने, फैशनेबल कपड़े बनाने का काम करते हैं या फिर बस मोती धागा से लेकर माला बनाने, गुड़िया बनाने, मूर्ति बनाने का काम करते हैं। हस्तशिल्प में तमाम विविधता के साथ अपार संभावनाएं हैं और इन संभावनाओं को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत पारंपरिक कौशल को समृद्ध बनाकर नए भारत में उल्लेखनीय स्थान मिलेगा ।
मंत्रालयों की कर ली गई है बैठक…
विश्वकर्मा’ (PM Vishwakarma) योजना को लागू करने के लिए राज्यों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक कर ली गई है. इस योजना का मकसद पारंपरिक कारीगरों (Artisans) और शिल्पकारों (Caftsman) की मदद करना है और इसकी कुल राशि 13,000 करोड़ रुपये है.
PM Vishwakarma Yojana 2023 तीन मंत्रालयों का खास योगदान
और इसे तीन मंत्रालयों – एमएसएमई (MSME), स्किल डेवलपमेंट (Skill Development) और वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) द्वारा लागू किया जाएगा.
मात्र 5 दिन के प्रशिक्षण पर विश्वकर्मा शिल्पी ले सकेंगे वित्तीय सहायता लोन..
योजना के तहत कुशल कामगारों को उनका स्किल बढ़ाने के लिए 4-5 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बाद वे लोन लेने के पात्र होंगे. अधिकारीयों ने बताया , चालू वित्त वर्ष में हमने 30 लाख लाभार्थियों को लोन देने का लक्ष्य रखा है. योजना के तहत विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा।
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