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हिंदुत्व को लेकर गांधी जी के विचार को जाने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के तीन सवालों के जवाब में

Gandhi Jayanti

Gandhi Jayanti- महात्मा गांधी निष्ठावान सनातनी हिंदू थे और हिंदू धर्म के समस्त मूल्यों में पूरी आस्था रखते थे लेकिन कट्टरता का उनके हिंदू धर्म में कोई स्थान नहीं था। गांधी का हिंदू धर्म दूसरे धर्मों के प्रति पूरी तरह सहिष्णु और विनम्र था। आज पूरे देश में हिंदुत्व के समर्थन एवं उत्थान के लिए आवाजे उठाई जा रही है, और इसी के आड़ में कहीं न कहीं गांधी जी के हिंदूवाद पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। हिंदू धर्म के प्रति गांधी जी के क्या विचार थे ? इसका जवाब महात्मा गांधी ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा पूछे गए तीन सवालों पर दिया था। ये जवाब काफी हद तक हिंदुत्व के प्रति गांधी जी के विचारों को साफ कर रहे हैं। क्या थे वो सवाल, और गांधी जी ने क्या दिया था जवाब वो आगे इस पोस्ट में पढ़ेंगे। उससे पहले आइए गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के मौके पर जानते हैं, गांधी जी से जुड़ी कुछ खास बातें –

भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर को हुआ था। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी ने अहम भूमिका निभाई थी। गांधीजी को उपनिवेशवाद विरोधी राष्ट्रवादी के रूप में भी याद किया जाता है। इन्होंने ही हम सबको अहिंसा का मार्ग अपनाने की प्रेरणा दी थी। देश को आज़ादी दिलाने के साथ ही महात्मा गांधी ने समाज सुधार के भी कार्य किये थे।

महात्मा गांधी का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। स्कूल से लेकर कॉलेज तक उनके जीवन में तमाम चुनौतियां आईं। लेकिन वो घबराए नहीं और उन्होंने हर एक मुश्किल का डटकर सामना किया। साथ ही अपने लक्ष्यों को भी हासिल किया।

महात्मा गांधी की प्रारंभिक पढ़ाई:-

जैसे कि हम सभी जानते हैं कि गाँधीजी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा भी पोरबंदर में ही हुई। ये एक औसत छात्र थे। खेलकूद या अन्य किसी गतिविधि में ये कुछ खास अच्छे नहीं थे। फिर गांधीजी आगे की पढ़ाई के राजकोट चले गए। गांधीजी 11 वर्ष के थे जब उन्होंने अल्फ्रेड हाई स्कूल में एडमिशन लिया था। ये स्कूल सिर्फ लड़को का स्कूल था। हाई स्कूल में उनका प्रदर्शन सराहनीय था और उन्हें एक अच्छे छात्र के तौर पर जाना जाने लगा।

महात्मा गांधी की बैरिस्टर बनने की राह:-

गांधीजी बहुत छोटी सी उम्र में ही शादी हो गई थी। वो महज 13 साल के थे जब उनकी शादी हुई। इसके बाद उनकी चुनौतियां और बढ़ गईं क्योंकि उनके पिताजी बीमार हो गए। फिर उन्होंने समालदास कॉलेज ऑफ आर्ट्स में। एडमिशन लिया और यहां से उन्होंने डिग्री लेने के बारे में सोचा। मगर फिर गांधीजी कॉलेज को बीच में ही छोड़ दिया और वापस परिवार के पास पोरबंदर चले गए। इसके बाद उन्होंने दोबारा कॉलेज जाने का फैसला किया और कानून की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उनका इंग्लैंड जाकर पढ़ाई करने का मन हुआ। हालांकि उनके इस फैसले पर किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया। फिर उन्होंने धीरे धीरे सबको मना लिया और जाते- जाते गांधीजी वादा करके गए कि विदेश जाकर भी वो मांस को या शराब को हाथ नहीं लगाएंगे तथा अन्य महिलाओं के साथ सम्बंध भी नहीं बनाएंगे।

महात्मा गांधी ने लंदन से पूरा किया ग्रेजुएशन:-

गांधीजी ने लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज में एडमिशन लिया और वहीं से अपनी कानून की पढ़ाई पूरी की। फिर जब उनका ग्रेजुएशन पूरा होगा वो वापस अपने परिवार के पास घर चले आए। उन्होंने अपने जीवन में बहुत कठिनाइयों का सामना किया और उसके बाद भी सफलता हासिल की।

हिंदुत्व को लेकर गांधी (Mahatma Gandhi) जी के क्या थे विचार :

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने एक समय महात्मा गांधी से तीन सवाल पूछे थे; आपका धर्म क्या है? आपके जीवन में धर्म का क्या प्रभाव है? सामाजिक जीवन में इसकी क्या भूमिका है?

महात्मा गांधी जी के तीनों प्रश्नों का क्रमवार उत्तर देते हुए कहा – ‘मेरा धर्म है हिंदुत्व। यह मेरे लिए मानवता का धर्म है और मैं जिन धर्मों को जानता हूं उनमें यह सर्वोत्तम है।’ दूसरे प्रश्न के उत्तर में बापू ने कहा – ‘आपके प्रश्न में भूतकाल के बजाय वर्तमान काल का प्रयोग खास मकसद से किया गया है। सत्य और अहिंसा के माध्यम से मैं धर्म से जुड़ा हूं। मैं अक्सर अपने धर्म को सत्य का धर्म कहता हूं। यहां तक कि ईश्वर सत्य है, कहने के बजाय मैं कहता आया हूं – सत्य की ईश्वर है। सत्य से इनकार हमने जाना ही नहीं है। नियमित प्रार्थना मुझे अज्ञात सतत यानी ईश्वर के करीब ले जाती है।’ तीसरे प्रश्न के उत्तर में गांधी जी ने कहा – इस धर्म का सामाजिक जीवन पर प्रभाव रोजाना के सामाजिक व्यवहार में परिलक्षित होता है या हो सकता है। ऐसे धर्म के प्रति सत्यनिष्ठ होने के लिए व्यक्ति को जीवन पर्यंत अंह का त्याग करना होगा।’

महात्मा गांधी का कहना था –जितनी गहराई से मैं हिंदुत्व का अध्ययन कर रहा हूं, उतना ही मुझ में विश्वास गहरा होता जाता है कि हिंदुत्व ब्रह्मांड जितना ही व्यापक है। मेरे भीतर से कोई मुझे बताता है कि मैं एक हिंदू हूं और इसके अतिरिक्त कुछ और नहीं।’ महात्मा गांधी हिंदुत्व को मानवता के प्रति सेवा का ध्येय मानते थे। मानव सेवा ही प्रभु सेवा कहते थे।

महात्मा गांधी ने जीवन भर कट्टरतावादी हिंदू संगठनों का प्रभाव जनमानस पर पड़ने से रोका। लेकिन गोडसे द्वारा की गई गांधी की हत्या ने भारत के हिंदू राष्ट्र बनने की संभावना पर मानो विराम ही लगा दिया।

गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के साथ ही 2 अक्टूबर को मनाई जाती है लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती:-

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में 2 अक्टूबर को ही हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री 1964 में भारत के प्रधानमंत्री बने थे और फिर 1965 में हुए भारत और पाक युद्ध के दौरान भारत का नेतृत्व भी किया था। इन्हें इनकी सादगी के लिए जाना जाता है। इन्हें ‘शांति का प्रतीक’ भी माना जाता है।

गांधीजी और शास्त्रीजी की जयंती (Gandhi Jayanti and Lal Bahadur Shastri Jayanti) पर देश उन्हें शत शत नमन करता है।

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