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Nithari Kand : नोएडा के नाम पर स्थाई धब्बा बन गया है निठारी कांड

Nithari Kand

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Nithari Kand : उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर का निठारी कांड नोएडा शहर के ऊपर एक स्थाई काले धब्बे के रूप में चस्पा हो गया है। निठारी कांड के दौरान 19 बच्चों की जान चली गई थी। इन मृत बच्चों के नरकंकाल नाले में बहते हुए बरामद हुए थे। निठारी कांड के लिए सीबीआई और निचली अदालत ने मोनिंदर सिंह पंढेर व उसके नौकर सुरेंद्र कोली को जिम्मेदार माना था। इस जघन्य कांड के लिए दोनों ही आरोपियों को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनिंदर पंढेर व सुरेन्द्र कोली को बरी कर दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद इस सवाल का कोई जवाब नहीं मिल रहा है, कि 19 बच्चों की हत्या का दोषी कौन है ?

Nithari Kand history

लगा बड़ा धब्बा

निठारी कांड में जिन 19 मसूम बच्चों की हत्या की गई थी। उनके परिजन बहुत दु:खी है। इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद पीड़ित परिजनों का दु:ख और भी बढ़ा दिया है। अब तो उन्हें लगने लगा है कि उन्हें कभी भी न्याय नहीं मिलेगा। बच्चों के पीड़ित परिजनों का दर्द मीडिया के जरिए पूरे देश ही नहीं पूरी दुनिया में फैल रहा है। इस दर्दनाक कहानी में यह बहुत बड़ा सवाल है कि यदि मोनिंदर सिंह पंढेर औऱ सुरेन्द्र कोली दोषी नहीं है, तो 19 हत्याओं का हत्यारा कौन है ? जब तक इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिल जाता, तब तक निठारी कांड नोएडा शहर के दामन पर काले धब्बे की तरह चिपका रहेगा।

यादें हुई ताजा

निठारी कांड में मारे गए मासूम बच्चों की हत्या के आरोप में जेल में बंद मोनिंदर सिंह पंढेर शुक्रवार को जेल से बरी गया। उसके जेल से बाहर आते ही निठारी कांड की यादें एक बार फिर से ताजा हो गई है। 17 साल पहले 29 दिंसबर 2006 को मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पास नाले से 19 कंकाल मिले थे। पीड़ित परिजन भी सीबीआई की कमजोर पैरवी को ही जिम्मेदार मान रहा है। सीबीआई इस मामले में मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेन्द्र कोली को कसूरवार साबित करने में नाकाम रही है।

छलका परिजनों का दर्द

निठारी कांड में इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद मोनिंदर सिंह पंढेर की रिहाई के बाद पीड़ित परिजनों का दर्द सामने आया है। पीड़ित परिजनों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें पहले लगता था कि मासूम बच्चों की हत्या करने वालों को सजा मिलेगी, लेकिन अब ऐसा नहीं लगता है। उन्होंने कहा हमारे पास इतना पैसा नहीं है, जो अपने बच्चों को इंसाफ दिलाने के लिए इतने दिनों तक लड़ सके। भले ही कानून की अदालत ने इन दरिंदों को छोड़ दिया हो, लेकिन भगवान की अदालत उन्हे नहीं छोड़ेगी।

क्या था निठारी कांड ?

नोएडा के सेक्टर 31 स्थित कोठी नंबर D-5 जिसमें रहने वाले मोनिंदर सिंह पंढेर पर सन 2005 से लेकर 2006 तक कई बच्चों की हत्या का आरोप था। इस मामले का खुलासा एक किशोरी के लापता होने की जांच से खुला था। जो सन 2006 में निठारी गांव की पानी की टंकी के पास से लापता हो गई थी। ये वही जगह थी जहां से 2 सालों के अंदर कई बच्चे लापता हो गए थे। परिजनों की शिकायत के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, ना ही पुलिस किसी भी लापता बच्चे को बरामद कर पाई थी।

कोर्ट के दखल के बाद लापता किशोरी के परिजनों की शिकायत पर 15 दिसंबर 2006 को पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली से पुछताछ की। निठारी पुलिस चौकी तत्कालीन प्रभारी और सीओ ने उन्हें क्लीन चिट दे दी। लेकिन इस मामले में नया मोड़ तब आया जब लापता किशोरी का मोबाइल फोन ऑन हुआ। जिसके जरिए पुलिस नौकर सुरेंद्र कोली तक पहुंची। जिसके बाद पुलिस ने सुरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया, और इस कांड में मोनिदर सिंह को भी हिरासत में लेकर रातभर दोनों से पूछताछ की। अगली सुबह कोठी के सामने बह रहे नाले से कंकाल बरामद किए थे। इस घटना के बाद मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार कर लिया था।

सीबीआई को सौंपी गई जांच

11 जनवरी 2007 को निठारी कांड की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई को जांच के दौरान इंसानी हड्डियों के कुछ हिस्से और 40 इस तरह के पैकेट मिले थे। जिन पैकेट मानव अंगों को भरकर नाले में फेंका गया था। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में नोएडा पुलिस के 3 सीनियर अफसरों समेत कई पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए थे। Nithari Kand

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