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प्रदूषण की मार से दिल्ली बेहाल! 10 नवंबर तक बंद किए गए प्राइमरी स्कूल, पर्यावरण मंत्री ने यूपी, हरियाणा पर फोड़ा ठीकरा

Delhi Air Pollution: दिल्ली समेत आसपास के शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है। ऐसे में स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने ट्वीट करके स्कूलों को 10 नवंबर तक बंद रहने की जानकारी दी है। आतिशी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 5वीं कक्षा तक के स्कूल 10 नवंबर तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। वहीं कक्षा छह से 12 तक के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को ऑनलाइन क्लासेज चलाने का सुझाव दिया गया है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यूपी और हरियाणा में पराली जलाए जाने को प्रदूषण का जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि “केंद्र सरकार के आकड़े बताते हैं कि पंजाब में पराली पिछले साल से कम जलाई गई है। पंजाब के पराली के धुएं का दिल्ली पर उतना असर नहीं है, जितना हरियाणा और उत्तर प्रदेश का है क्योंकि हवा में गति ही नहीं है। हवा चलेगी तभी तो पंजाब का धुंआ दिल्ली तक आएगा। गोपाल राय ने कहा कि अभी दिल्ली में चारों ओर का धुंआ आया है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पराली का धुंआ दिल्ली पहुंच रहा है।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आगे कहा कि “दो स्मॉग टावर बने थे। आनंद विहार में केंद्र सरकार ने स्मॉग टावर बनाया था उसका का क्या हुआ? CP के स्मॉग टावर को सरकार और उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करके केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी ने मनमानी तरीके से उसे बंद कराया है। उसपर हमने कार्रवाई करने के लिए भी कहा है।”

दिल्ली के आरके पुरम इलाके में रविवार एक्यूआई 489 तक पहुंच गया है। वहीं दिल्ली के आया नगर में एक्यूआई 467 दर्ज किया गया। द्वारका में एक्यूआई 490 है।

उधर, दिल्ली से सटे नोएडा का भी यही हाल है। यहां की भी वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है।  नोएडा सेक्टर 62 में एक्यूआई 483 दर्ज किया गया है, सेक्टर 1 में एक्यूआई 410 दर्ज किया गया है। वायु प्रदूषण पर नोएडा प्राधिकरण के CEO लोकेश एम ने बताया, “पिछले 15 दिन से हमने सड़कों से धूल कण साफ करने के निर्देश दिए हैं। एयर गन और वाटर स्प्रिंकलर लगातार चल रहे हैं। निर्माण कार्यों को रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि निर्माण में निकले मलबे को ढक दिया गया है। GRAP के नियमों का पालन किया जा रहा है। जहां-जहां नियम उल्लंघन हुए हैं, वहां अभी तक 48 लाख के चालान काटे गए हैं।

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