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जल्दी ही दुनियाभर में धूम मचाएंगे उत्तर प्रदेश के पेड़े तथा धान

UP News in hindi

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UP News : उतर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले था शहर में कोई ना कोई खास प्रॉडक्ट पैदा होता है या बनाया जाता है। अब जल्दी ही उत्तर प्रदेश के अलग अलग शहरों था जिलों के प्रॉडक्ट्स को दुनियाभर में खास पहचान मिलने वाली है। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने 20 उत्पादों (प्रॉडक्ट्स) जीआई टैगिंग (GI tagging) कराने का बड़ा फैसला लिया है।

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मथुरा का पेड़ा, मेरठ की गजक शामिल

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत उत्तर प्रदेश के अलग अलग शहरों में उत्पादित होने वाले 20 प्रकार के विशेष उत्पादों (प्रॉडक्ट) की जीआई टैगिंग का काम उत्तर प्रदेश सरकार कराएगी।

उतर प्रदेश के जिन उत्पादों की जीआई टैगिंग कराई जाएगी, उनमें मथुरा शहर का पेड़ा, बलिया का धान, गोरखपुर का पनियाला, मिर्जापुर तथा सोनभद्र का देसी ज्वार तथा बाजरा, फतेहपुर का गलवा पेड़ा, सोनभद्र की चिरौंजी, फरुर्खाबाद का फलवा आलू, एटा की चिकोरी अथवा कासनी, हरदोई का साडीला लड्डू, हाथरस का गुलाबजल, कानपुर की लाल ज्वार, रामपुर तथा बाराबंकी का मेंथा, लखनऊ की रेवडी, सीतापुर की मूंगफली, बुलंदशहर जिले के खुर्जा शहर की खुरचन तथा मऊ का खास बैंगन (लौकिहवामांरा) को शामिल किया गया है।

ये सभी उत्पाद कृषि और कृषि से बनने वाले उत्तर प्रदेश में जाने जाने वाले खास खास उत्पाद (प्रॉडक्ट) हैं। कृषि विभाग ने इन सभी उत्पादों की जीआई टैगिंग कराने का फैसला कर लिया है। जीआई टैगिंग होेते ही उत्तर प्रदेश के इन सभी 20 प्रॉडक्ट्स को दुनियाभर में अधिकाधिक पहचान मिल जाएगी। उत्तर प्रदेश के इस फैसले से खेती करने वाले किसानों तथा खेती पर आधारित व्यापार करने वालों को मोटा मुनाफा होने लगेगा।

क्या होती है जीआई टैगिंग

आपको बता दें कि किसी भी प्रॉडक्ट को दुनियाभर में उसी नाम से अधिकाधिक पहचान देने की एक व्यवस्था को जीआई टैगिंग का नाम दिया गया है। जीआई टैगिंग को Geographical Indications भी कहा जाता है। इसे हिन्दी में भौ​गोलिक संकेतक कहा जाता है। जीआई टैगिंग का अर्थ होता है कि वह अमुक प्रसिद्ध उत्पाद किस क्षेत्र का है अथवा वह प्रॉडक्ट किसी क्षेत्र गांव, शहर, कस्बा अथवा जिले में पाया जाता है। इस प्रकार उस उत्पाद को दुनियाभर में उसी क्षेत्र से अधिकाधिक पहचान मिल जाती है। इस टैगिंग की प्रक्रिया का पूरा संचालन वर्ल्ड इंटलैक्चुअल प्रॉपर्टी आर्गेनराईजशन करता है। भारत में जीआई टैगिंग की व्यवस्था को भारत सरकार ने 1999 में लागू किया था।

दनियाभर में प्रसिद्ध हो जाएंगे यूपी के प्रॉडक्ट

उत्तर प्रदेश का नाम सारी दुनिया जानती है। उतर प्रदेश के 20 प्रॉडक्ट की जीआई टैगिंग होने से उत्तर प्रदेश के यें खास उत्पाद दुनिया में प्रसिद्ध हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों का कहना है कि जीआई टैगिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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