Sugar Daddy and Sugar Baby : यूरोप से शुरू हुआ रिश्तों का एक रूप भारत में भी तेजी से बढ़ने लगा है। नई पीढ़ी ने रिश्तों के इस रूप को शुगर डैडी तथा शुगर बेबी का नाम दिया है। शानदार पारिवारिक परंपरा वाले देश भारत में शुगर डैडी की परिपाटी का बढऩा समाज के लिए चिंता का विषय बन गया है। तमाम चिंताओं के बीच आंकड़े बता रहे हैं कि पूरी दुनिया के साथ ही साथ भारत में भी शुगर डैडी तथा शुगर बेबी का चलन तेजी से बढ़ रहा है।
Sugar Daddy and Sugar Baby
क्या है शुगर डैडी ?
आपको बता दें कि शुगर डैडी डेटिंग का एक नया नाम है। भारत में तो डेटिंग शब्द भी नया ही है। इसलिए बताते चलें कि अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए स्त्री तथा पुरूष कुछ समय के लिए आपस में मिलते हैं। इस मिलने-जुलने को डेटिंग कहा जाता है। डेटिंग के अनेक तरीके ईजाद हुए है। इन्हीं तरीकों में से डेटिंग के एक तरीके का नाम है शुगर डैडी। “शुगर डैडी” एक ऐसा बुजुर्ग होता है जिसके पास खूब धन होता है। इसी धन के बलबूते पर बुजुर्ग अपने से बहुत कम उम्र की लडक़ी के साथ घूमता, फिरता तथा डेटिंग करता है। ऐसे बुजुर्ग को लड़कियां शुगर डैडी नाम से बुलाती हैं। जो लड़कियां इस प्रकार की डेटिंग करती हैं उन लड़कियों को शुगर बेबी कहा जाता है।
तेजी से बढ़ रहा है प्रचलन
डेटिंग का नया रूप शुगर डैडी खूब फैल रहा है। जहां एक अमीर, लेकिन उम्रदराज शख़्स रिलेशन रखता है अपने से छोटी लडक़ी से। शुगर डैडी दिल खोल कर पैसे खर्च कर सकता है और शुगर बेबी को ज़रूरत है पैसों की। यूरोप, यूएस और अफ्रीका में ऐसी लड़कियों की तादाद बढ़ती जा रही है, जो डेटिंग के लिए लडक़ों के साथ नहीं, बल्कि बूढ़ों के साथ जाना पसंद करती हैं। अब यह प्रचलन भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट तनवी तनेजा बताती हैं कि शुगर डैडी एक नई तरह की डेटिंग है यह। दोनों एक ज़रूरत को पूरा करने के लिए साथ जुड़ते हैं। शुगर डेटिंग में एक-दूसरे को समझने में भी समय खऱाब नहीं होता, क्योंकि इसमें एक व्यक्ति दूसरे से ज्य़ादा मेच्योर होता है। इसलिए यह रिश्ता ज्य़ादा अच्छा चलता है।
साइकोलॉजिकल डॉ. अरूण तनेजा बताते हैं कि पश्चिम ही नहीं, अपने देश भारत में भी इस तरह के रिलेशनशिप काफी बनते हैं। अंतर बस इतना है कि यहां पर इस रिलेशनशिप को लोग किसी नाम से नहीं पुकारते थे। अब धीरे-धीरे यहां भी इसे शुगर डैडी बोला जाने लगा है।
यह एक धंधा है
इस रिश्ते की ख़ासियत है कि यह शॉर्ट टर्म होता है। इसे दोनों तरफ से लिया जाता है एक बिजनेस अथवा धंधे की तरह। अगर शुगर बेबी को कोई दूसरा अमीर आदमी मिलता है और पहले वाले शुगर डैडी के पास समय नहीं है, तो वह शिफ्ट हो जाती है। यह रिश्ता चलता है घंटों के हिसाब से। इसमें तय कर लिया जाता है कि शुगर डैडी को कितने घंटे का साथ चाहिए और किस समय। इससे शुगर बेबी एक ही दिन में कई-कई लोगों के साथ रिलेशनशिप मेंटेन कर पाती है। इस रिलेशनशिप की अवधि इस बात पर भी निर्भर करती है कि शुगर डैडी कितनी जिम्मेदारी संभाल कर चल रहा है शुगर बेबी की।
युवा लड़कियां मानती हैं कि उनके साथियों में करीब 24 फ़ीसदी साथियों के शुगर डैडी हैं। एशियन ट्रेंड को देखें, तो शुगर डैडी और शुगर बेबी आपस में सोशल नेटवर्किंग साइट्स और सोशल मीडिया के ज़रिए कनेक्ट होते हैं। दुनियाभर में पॉपुलर ‘शुगर डैडी फॉर मी’ डेटिंग वेबसाइट पर इस समय करीब 5 करोड़ यूजर हैं।
लेते हैं सहारा
रिलेशनशिप एक्सपर्ट डा. पल्लवी गर्ग बताती हैं कि इस तरह के रिलेशनशिप में शुगर डैडी इसलिए आपसे जुड़ता है, क्योंकि वह अपनी पर्सनल लाइफ से खुश नहीं होता। ऐसे में वह अधिकतर समय अपनी दिक्कतें शेयर करता रहता है। वहीं, शुगर बेबी का काम है उन समस्याओं को सुनना और शुगर डैडी को रिलैक्स करना। इससे फर्क नहीं पड़ता कि लड़की ख़ुद किस तरह की मानसिक परेशानी से गुजर रही है। ऐसे रिश्ते में भावनात्मक सहारा नहीं मिल पाता। एकतरफा होता है यह रिश्ता। पैसों से जुड़ा होने की वजह से ज्य़ादातर केस में शुगर डैडी मल्टीपल रिलेशनशिप में होते हैं। ऐसे में मल्टीपल पार्टनर के साथ सेक्स करने से कई तरह की सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज होने की आशंका बढ़ जाती है।
भारत में शुगर डैडी तथ शुगर बेबी का चलन नया नया है। समाजशास्त्री बताते हैं कि यह चलन भारत में तेजी से बढ़ रहा है। शुगर डैडी व शुगर बेबी के बढ़ते हुए चलन से भारत में समाज के सभी तबके चिंतित हैं। लोगों का कहना है कि शुगर डैडी तथा शुगर बेबी वाला चलन भारतीय सभ्यता के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। Sugar Daddy and Sugar Baby
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