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एलिवेटेड के संचालन में दो इमारतों ने लगाए ‘ब्रेक’, जून तक एक हिस्सा चालू होने की संभावना

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Noida News : नोएडा। आगाहपुर से एनएसईजेड के बीच वाहन चालकों के लिए जीवन रेखा साबित होने वाली एलिवेटेड रोड के संचालन में दो इमारतों ने फिलहाल ब्रेक लगा दिए हैं। एक हिस्से को मार्च तक खोलने की तैयारी में अब व्यवधान आ रहा है। अब इसे जून तक खोलने की बात हो रही है।

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इसकी वजह एलिवेटेड के एलाइमेंट में दो इमारत बाधा डाल रही है। इसमें एक दुकान और एक मकान है। प्राधिकरण के पास दो विकल्प है। पहला या तो दोनों इमारतों को ध्वस्त करें या अपने डिजाइन में बदलाव करें। हालांकि प्राधिकरण अधिकारियों ने अभी तय नहीं किया है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि रैंप में बदलाव करना संभव नहीं हो सकता है। क्योंकि एलिवेटेड रोड का एलाइनमेंट मौजूदा सडक़ के अनुरूप है। जिससे रैंप को स्थानांतरित करने के लिए कोई जगह नहीं बचती है।

 

नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. लोकेश एम ने बताया कि हमने अभी तक इस मामले पर कोई फैसला नहीं लिया है। इन इमारतों का निर्माण भंगेल एलिवेटेड के निर्माण से पहले किया गया या इस बीच। हम एलिवेटेड के उस हिस्से का निर्माण करने से पहले कोई सटीक नतीजे पर पहुंचेंगे। जिससे निर्माण कार्य को पूरा किया जा सके। अब तक निर्माण एजेंसी ‘यूपी स्टेट ब्रिज कारपोरेशन लिमिटेड’ ने एलिवेटेड का 75 फीसदी निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। इस बीच मार्च तक एलिवेटेड रोड का एक तरफ का हिस्सा तैयार नहीं हो पाएगा।

पिछले साल अक्टूबर में प्राधिकरण ने ब्रिज कारपोरेशन को आगाहपुर से भंगेल तक एलिवेटेड रोड के बाएं हिस्से को पूरा करने और इसे जनता के लिए खोलने का निर्देश दिया था। अब निर्माण एजेंसी इस काम को जून तक पूरा करने का प्रयास करेगी। साइट पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर 250 कर दी गई है। फिलहाल उस हिस्से को छोड़कर बाकी स्थानों पर काम सुचारू रूप से चल रहा है।

568 करोड़ का है प्रोजेक्ट

भंगेल एलिवेटेड प्रोजेक्ट की लागत राशि 568 करोड़ रूपये है। हाल ही में ब्रिज कारपोरेशन ने आर्थिक संकट बताते हुए एलिवेटड का निर्माण काम बंद करने के कह दिया था। जिसके बाद प्राधिकरण ने 75 करोड़ रुपये के बिल का भुगतान कर दिया। इस परियोजना में अब तक करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके है। सीईओ ने बताया कि उन्होंने परियोजना की निगरानी करने और साप्ताहिक रिपोर्ट सौंपने के लिए एक सलाहकार को नियुक्त किया है। सलाहकार कंपनी निर्माण प्रगति में बाधा डालने वाले भूमिगत केबल, बिजली के खंभे और सीवरेज लाइनों से संबंधित कई मुद्दों की जानकारी दे रहा है। जिसे हम तेजी से हल कर रहे हैं।

छह माह बंद था कार्य

पिछले 6 माह तक बाधित रहे इस एलिवेटेड की लम्बाई 5.5 किमी है। ये एलिवेटेड दादरी-सूरजपुर-छलेरा (डीएससी) सडक़ पर अगाहपुर से एनएसईजेड के बीच बनाई जा रही है। एक बार पूरा होने के बाद वाहन चालकों को छलेरा, बरौला और भंगेल बाजारों से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा। यह परियोजना जून 2020 में शुरू हुई थी और दिसंबर 2022 तक तैयार होनी थी। हालांकि इसकी शुरुआत से ही परियोजना को विभिन्न बाधाओं का सामना करना पड़ा। धन की कमी के कारण पिछले साल लगभग छह महीने तक निर्माण कार्य रोक दिया गया था।

दो लूप के लिए जारी होंगे टेंडर

इस एलिवेटेड पर सेक्टर-49 हनुमान मूर्ति और सेक्टर-107 की ओर बनने वाले दो और लूप के लिए भी टेंडर जारी किया जाएगा। इनको बनाने में 20-25 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके बनने से आस-पास की सोसाइटी वालों को काफी सहूलियत होगी। फिलहाल इस एलिवेटेड के निर्माण से भंगेल बाजार के व्यापारी पिछले करीब तीन साल से प्रभावित है।

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