UP News : उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। इसी उत्तर प्रदेश की बेटी ने बड़ा कमाल कर दिया है। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रहने वाली बेटी ने एक करोड रुपये सालाना की नौकरी छड़कर 50 करोड़ रुपये से भी अधिक की कंपनी खड़ी कर दी है। आज पूरा उत्तर प्रदेश अपने प्रदेश की इस होनहार बेटी के नाम पर गर्व कर रहा है।
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मुस्किलों से नहीं हारी बेटी
उत्तर प्रदेश की एक बेटी की इस कहानी के कई मायने है। कहते हैं जिंदगी में चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, अगर ठान लिया जाए तो बड़े से बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जो मुश्किलें आने पर निराश हो जाते हैं। लेकिन बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जो इनका मुकाबला करते हैं और जिंदगी में नई ऊंचाईयां हासिल करते हैं। हम बात कर रहे है एक करोड़ रुपये का पैकेज की नौकरी को ठुकराकर अपनी कंपनी की शुरुआत करने वाली एक लड़की की।
ठुकराई 1 करोड़ की नौकरी
आज के समय में किसी व्यक्ति को एक करोड़ रुपये का पैकेज मिलना, सपना पूरा होने से कम नहीं होता। लेकिन बहुत कम ही लोग अपने पैशन को फॉलो कर आम लोगों से कुछ हटकर कर पाते है। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की रहने वाली आरुषि अग्रवाल इसका एक सटीक उदाहरण हैं। जिन्होंने कॉलेज प्लेसमेंट में एक करोड़ रुपये का पैकेज को ठुकराकर खुद का स्टार्टअप खड़ा करने की ठानी और आज वह 50 करोड़ की कंपनी चला रही हैं। आइए, यहां आरुषि के 1 करोड़ का जॉब ठुकराने से लेकर खुद की स्टार्टअप कंपनी बनाने तक के सफर के बारे में जानते हैं।
बनाई अपनी अलग पहचान
आरुषि अग्रवाल बहुत छोटी उम्र में करोड़पति बन गई हैं। अपने आत्मविश्वास और काबिलियत के भरोसे उन्होंने एक वेंचर को बहुत कम समय में सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाया है। यह स्टार्टअप कुछ साल में कई करोड़ का बन चुका है। इस स्टार्टअप कंपनी का नाम TalentDecrypt है। आरुषि ने इसे सिर्फ 1 लाख रुपये के निवेश से शुरू किया था। इस कंपनी के बनाने से पहले आरुषि के पास कई जॉब ऑफर थे। इनमें एक करोड़ रुपये का ऑफर भी शामिल था। यह और बात है कि आरुषि ने इस एक करोड़ के ऑफर को ठुकराकर अपने मन की बात सुनी। गाजियाबाद के नेहरू नगर में TalentDecrypt आज अपने सेक्टर में अलग पहचान बना रही है।
1 लाख से की थी शुरुआत
आपको बता दें कि आरुषि अग्रवाल मूल रुप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली है। JP इंस्टीट्यूट से बी टेक और एम टेक की पढ़ाई की। इसके बाद आरुषि ने आईआईटी दिल्ली से इंटर्नशिप की। आरुषि को दो बार 1 करोड़ रुपये की भारी सैलरी का ऑफर भी मिला। हालांकि आरुषि ने इन ऑफर को दोनों बार ठुकरा दिया। इसके बजाय आरुषि अग्रवाल ने अपनी खुद की कंपनी खोलने का फैसला किया। 2020 में कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच आरुषि अग्रवाल ने केवल 1 लाख रुपये के शुरुआती निवेश के साथ टैलेंटडिक्रिप्ट को लॉन्च किया। इस प्लेटफॉर्म का मकसद कोडिंग करने वाले कैंडिडेट और उनकी संभावित भूमिकाओं के बीच आदर्श मिलान सुनिश्चित करके रिक्रूटमेंट प्रोसेस को व्यवस्थित करना है। जो चीज TalentDecrypt को अलग करती है, वे हैं उसके कड़े सिक्योरिटी फीचर। ये रिमोट जॉब असेसमेंट के दौरान अनधिकृत डिवाइस के इस्तेमाल या बाहरी मदद को रोकते हैं। इससे निष्पक्ष और विश्वसनीय मूल्यांकन सुनिश्चित होता है। यह नौकरी देने वाले इम्प्लॉयर्स को सेलेक्शन प्रोसेस में भरोसा देता है।
लोगों को दिया रोजगार
बेशक टैलेंटडिक्रिप्ट (TalentDecrypt) भारत में स्थित हो, लेकिन इसका असर सीमाओं से कहीं आगे तक है। इस प्लेटफॉर्म ने अमेरिका, जर्मनी, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और नेपाल जैसे देशों में 380 कंपनियों के साथ कोलैबरेशन किया है। तीन साल के दौरान टैलेंटडिक्रिप्ट (TalentDecrypt) ने दुनियाभर में आश्चर्यजनक रूप से 10 लाख नौकरी चाहने वालों के लिए रोजगार की सुविधा प्रदान की है। आज के दौर में यह 50 करोड़ रुपये की कंपनी में तब्दील हो चुकी है।
भारत सरकार ने किया सम्मानित
आपको बता दें कि आरुषि अग्रवाल ने IIM बेंगलुरु से एग्जीक्यूटिव एमबीए भी पूरा किया है। उन्हें भारत सरकार से देश के शीर्ष उद्यमियों में से एक के रूप में सम्मानित किया जा चुका है। वह अपने दादा ओमप्रकाश गुप्ता को अपना आदर्श मानती हैं। उनके दादा पुराने जमाने के आईआईटीयन हैं। आरुषि अग्रवाल के पिता अजय गुप्ता बिजनेसमैन हैं। उनकी मां गृहिणी हैं। आरुषि महिला उद्यमियों के लिए आदर्श हैं। उनके नोएडा में स्थित कार्यालय में 20 लोगों की टीम है। वह टेक हायरिंग प्रोसेस को नए तरीके से परिभाषित कर रही हैं। UP News
एक चपरासी ने कर दिया बड़ा कमाल, अब है दो कंपनियों का मालिक
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