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बड़ी खबर : वर्ष-2025 में देखने को मिलेगा तैरता हुआ शहर, दुनिया का पहला तैरता शहर

World's First Floating City

World's First Floating City

World’s First Floating City : यदि आप सुने कि कहीं तैरता हुआ शहर भी हो सकता है। इस बात पर आप जल्दी यकीन नहीं करेंगे। आपको यकीन जरूर करना पड़ेगा और आप जल्दी ही दुनिया का पहला तैरता शहर देख सकेंगे। तैरता हुआ शहर देखने के लिए अधिक समय नहीं लगेगा। वर्ष-2025 में यानि ठीक अगले साल आप तैरता हुआ शहर देख सकते हैं। तैरता हुआ शहर देखने से पहले आप यहां जान लीजिए कि कहां बनेगा तैरता हुआ शहर? कैसा होगा यह तैरता हुआ शहर?

दक्षिण कोरिया में बसने वाला है तैरता शहर

आपको बता दें कि दक्षिण कोरिया के बुसान नगर के तट पर दुनिया का पहला तैरता हुआ शहर 2025 तक स्थापित होने की संभावना है। इस शहर को जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र जलस्तर में होने वाली वृद्धि तथा बाढ़, सुनामी और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से लोगों को महफूज रखने के लिए बसाया जा रहा है। साढ़े 15 एकड़ क्षेत्र में विकसित हो रहे इस बाढ़-रोधी शहर में 12 हजार लोग रह सकते हैं। यह आत्मनिर्भर शहर होगा, जो अपनी जरूरत की ऊर्जा, पानी और भोजन का उत्पादन स्वयं करेगा। इस शहर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे बसाने के लिए भूमि अधिग्रहण नहीं किया जाएगा।

बुसान में प्रस्तावित तैरता हुआ शहर समुद्री जल स्तर में वृद्धि से खतरे में पड़े तटीय शहरों के लिए समाधान प्रस्तुत करता है। यह व्यक्ति, प्रकृति और प्रौद्योगिकी के बीच सह-अस्तित्व की भावना विकसित करने पर जोर देता है। संयुक्त राष्ट्र समर्थित इस परियोजना में सात मानव निर्मित द्वीप शामिल होंगे, जो सभी समुद्री जल के स्तर के साथ ऊपर उठ जाएंगे, जिससे शहर को बाढ़ के खतरे से बचाया जा सकेगा।
जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में समुद्री जल स्तर में वृद्धि देखने को मिली है, जिसकी वजह से कई शहर डूबने के कगार पर हैं। विश्व मौसम विज्ञान संगठन की ‘वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि और इसके प्रभाव’ नामक रिपोर्ट के मुताबिक, 1901 *और 2018 के बीच वैश्विक औसत समुद्र स्तर में 0.20 मीटर की वृद्धि हुई, वहीं 2006 और 2018 के बीच प्रतिवर्ष 3.7 मिलीमीटर की वृद्धि हुई। रिपोर्ट बताती है कि भारत, चीन, बांग्लादेश और नीदरलैंड समुद्री जलस्तर में वृद्धि के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देश हैं। कई बड़े शहरों, जैसे शंघाई, ढाका, बैंकाक, जकार्ता, मुंबई, लंदन, कोपेनहेगन और न्यूयॉर्क पर जलप्लावन का खतरा मंडरा रहा है। यूएन-हैबिटेट के अनुसार, दुनिया भर में 90 प्रतिशत मेगासिटी समुद्र के बढ़ते जलस्तर के प्रति संवेदनशील हैं।

भारत की तटीय सीमा 7516.6 किलोमीटर लंबी है, जो नौ तटीय राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित है। भारत उन देशों में से है, जो वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि के विनाशकारी प्रभावों का सामना कर सकता हैं। इससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों और बुनियादी संरचनाओं पर बुरा असर पड़ सकता है। समुद्री जल स्तर में वृद्धि रोकने के लिए ग्लोबल वार्मिंग में योगदान देने वाले कारकों पर रोक जरूरी है। कार्बन उत्सर्जन की कटौती के बगैर यह लक्ष्य पाना मुमकिन भी नहीं होगा।

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