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भारत ने खतरनाक बीमारी के खिलाफ छेड दिया है बड़ा युद्ध, हराने की गारन्टी

Cervical Cancer

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Cervical Cancer : युद्ध कोई भी अच्छा नहीं माना जाता है। फिर भी भारत ने एक बड़ा युद्ध छोड दिया है। भारत का यह युद्ध है दुनिया की बेहद खतरनाक बीमारी सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के खिलाफ भारत ने ठान लिया है कि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) को हरा कर ही दम लेगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) को हराने की गारन्टी कर दी है। सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) महिलाओं में पाई जाने वाली सबसे खतरनाक बीमारी है। भारत ने सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के खिलाफ अनेक मोर्चो या लडने का फैसला किया है।

Cervical Cancer

सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के विरूद्ध PM मोदी की गारन्टी

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत से सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) को खत्म करने की घोषणा की है। PM मोदी के निदेश पर भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र (चुनावी घोषणा पत्र) में भी सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से लडने की घोषणा की गई है। रविवार को जारी किए गए भाजपा के घोषणा पत्र में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) का जिक्र किया गया है। घोषणा पत्र में कहा गया है कि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) को हराना है।

घोषणा पत्र में शामिल सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की बात का जिक्र पीएम मोदी ने घोषणा पत्र पर बोलते हुए भी किया है। PM मोदी ने कहा है कि सर्वाइकल कैंसर (CCervical Cancer) से मुक्ति के लिए पूरे देश में विशेष अभियान चलाया जाएगा।

सर्र्वाइकल कैंसर की देशी किट

इस बीच भारत ने सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) का देशी किट भी बना ली है। आपको बता दें कि भारत में हाल ही में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की जांच के लिए स्वदेशी किट विकसित की गई है। आईसीएमआर, राष्ट्रीय प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान और राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान ने किट विकसित की है.एम्स दिल्ली समेत इन तीन संस्थानों में इस किट का ट्रायल शुरू हो गया है।

एम्स में मरीजों पर किट के ट्रायल के लिए एक रिसर्च सेंटर भी चालू कर दिया गया है। इस रिसर्च सेंटर में किट के माध्यम से महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की जांच की जाएगी। किट ट्रायल में अगर सफल हो जाती है तो इस साल के अंत तक देश में सर्वाइकल कैंसर की सबसे सस्ती टेस्ट किट उपलब्ध होने की उम्मीद है। यह किट अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार किया गया है। इस किट के जरिए सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) पैदा करने वाले एचपीवी जीनोटाइप का पता लगा सकते हैं।

Cervical Cancer

इसके लिए एम्स ने दिल्ली WHO की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च इन कैंसर (IARC), DBT-BIRAC ग्रैंड चैलेंजेज इंडिया के सहयोग से एक रिसर्च सेंटर शुरू किया है। एम्स के अलावा ICMR, NIRRCH और NICPR जैसे बड़े संस्थान भी इसमें शामिल हैं। मेक इन इंडिया के तहत यह किया जा रहा है। इस ट्रायल के सफल होने के बाद लाखों महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के संकट से छुटकारा दिलाने में मदद करेगी। किट से 60 से 90 मिनट में कैंसर की जांच हो जाएगी। इससे सर्वाइकल कैंसर की जांच बहुत सस्ती हो जाएगी। विदेशों में बनी एचपीवी जांच किट की कीमत 1500 से 2000 रुपये के बीच है। इसकी तुलना में स्वदेशी किट बहुत सस्ती होगी। इस किट से महिलाएं 35 और 45 वर्ष की उम्र में दो बार स्क्रीनिंग करा सकेंगी। इससे समय पर सर्वाइकल कैंसर की पहचान हो जाएगी और इलाज आसानी हो सकेगा।

क्या होता है सर्वाइकल कैंसर ?

सर्वाइकल कैंसर, सर्विक्स में होने वाला एक बेहद गंभीर कैंसर माना जाता है। सर्विक्स गर्भाशय का सबसे निचला भाग होता है, जो योनि से जुड़ा होता है। सर्वाइकल कैंसर के अधिकतर मामले ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के संक्रमण के चलते होते हैं। एचपीवी एक आम वायरस है, जो संभोग के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाता है। गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर होने से पहले, गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं ‘डिसप्लेसिया’ नाम के बदलावों से गुजरती हैं, जिसमें गर्भाशय ग्रीवा के ऊतकों में असामान्य कोशिकाएं दिखाई देने लगती हैं। ऐसे में समय के साथ अगर इसका इलाज नहीं जाए तो असामान्य कोशिकाएं कैंसर कोशिकाएं बन सकती हैं और बढ़ने लग जाती है। साथ ही गर्भाशय ग्रीवा और उसके आसपास की जगहों में अंदर तक फैल जाती हैं।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण क्या है?

जानकारी के अनुसार 35 से 44 साल की उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के होने की ज्यादा संभावना होती है। लेकिन स्क्रीनिंग और एचपीवी वैक्सीन के चलते इस दर में गिरावट देखी जा रही है। इसके बाद भी महिलाओं को इससे जुड़े लक्षणों के बारे में ध्यान देना चाहिए। सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती चरणों में लक्षण बहुत साफ नहीं होते हैं, यही वजह है कि ज्यादातर महिलाओं को इसके गंभीर चरणों तक फैलने के बारे में पता ही नहीं चल पाता।

सेक्स के बाद असामान्य रक्तस्राव।

योनि से स्राव जो सामान्य से अलग दिखता या गंध देता है।

पेल्विक हिस्से में अक्सर दर्द बने रहना।

बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता और पेशाब के दौरान दर्द होना।

सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचे ?

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीनेशन को सबसे कारगर तरीका माना जाता है। हाल ही में जारी हुए बजट 2024-25 में वित्तमंत्री ने देश में वैक्सीनेशन की दर को बढ़ाने का ऐलान किया है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस गंभीर कैंसर से सुरक्षित रखा जा सके। एचपीवी वैक्सीनेशन सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते जोखिमों को कम करने में मददगार हो सकती है। टीके 90% से अधिक एचपीवी संक्रमण और कैंसर को कम करने में मददगार पाए गए हैं। इसलिए डॉक्टरों की ओर से सभी को यहीं सलाह दी जाती है कि किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर लोगों को तुंरत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

इस बात की जानकारी देते हुए Felix अस्पताल के निदेशक डॉ. डी.के गुप्ता ने इससे बचने के कुछ उपाय साझा किए हैं।

HPV टीका: अपने डॉक्टर से संपर्क करें और सर्विकल कैंसर और अन्य एचपीवी संबंधित कैंसरों के जोखिम को कम करने के लिए HPV टीका प्राप्त करने के लिए सावधानीपूर्वक जांच करें।

नियमित पैप टेस्ट: प्रारंभिक स्थितियों को पहचानने के लिए नियमित पैप टेस्ट महत्वपूर्ण है। जिससे सर्विकल कैंसर को रोकने के लिए निगरानी या उपचार की जा सकती है। 21 वर्ष की आयु से नियमित पैप टेस्ट करें और उसे नियमित अंतरालों पर दोहराएं।

सुरक्षित यौन आचरण: सुरक्षित यौन आचरण का पालन करें, जैसे कि नियमित रूप से कंडोम का उपयोग करना और यौन साथियों की संख्या को कम करना, सेक्सविद्रोह की रोकथाम के लिए।

तंबाकू से बचें: धूम्रपान से बचें, और अगर आप वर्तमान में धूम्रपान कर रहे हैं, उसे छोड़ने के लिए स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें।

पौष्टिक आहार अपनाएं: फलों और सब्जियों को पर्णतु, सब्जियों, और पौधों जैसे पौष्टिक आहार को अपनाएं। हाई-कैलोरी भोजनों को छोटा और स्वल्प से चिकना करने के लिए अपने आहार को बनाएं।

मध्यम शराब की मात्रा: यदि आप शराब पीना चुनते हैं, तो मध्यम या पूर्णतः इससे बचें। अधिक शराब का सेवन विभिन्न प्रकार के कैंसर, जैसे कि स्तन, कोलन, फेफड़ा, किडनी, और जिगर को बढ़ा सकता है।

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