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दुनिया भर में बजा भारत का डंका, ले लिया ईरान का पोर्ट

Port of Iran News

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Port of Iran News : पूरी दुनिया में एक बार फिर भारत का डंका बज रहा है। भारत ने कड़ी मेहनत तथा लम्बी प्रक्रिया के बाद ईरान का सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाह (पोर्ट) ले लिया है। ईरान के इस पोर्ट पर चीन की पैनी नजर थी। भारत ने अपनी रणनीतिक समझदारी के दम पर ईरान का पोर्ट ले लिया है। भारत का ईरान का पोर्ट मिलने से पूरी दुनिया भारत की तारीफ  कर रही है। दुनिया के देश बोल रहे है। कि ईरान का बंदरगाह (पोर्ट) हासिल करके भारत ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं।

भारत का हो गया है ईरान का बंदरगाह

आपको बता दें कि सोमवार का दिन भारत के लिए बेहद भाग्यशाली दिन रहा है। भारत-ईरान ने सोमवार को बहुप्रतिक्षित चाबहार बंदरगाह समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत ईरान का यह बंदरगाह 10 वर्ष के पट्टे पर भारत को मिला है। इस अवधि में भारत इसका विकास  तथा संचालन करेगा। इसे लेकर भारत- ईरान के बीच अटल सरकार के दौर में वार्ता शुरू हुई थी, जिसे दो दशक बाद मोदी सरकार ने अमलीजामा पहनाया।
ईरान में भारत की इस सफलता को अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर चीनी मौजूदगी के खतरों के खिलाफ भारत के संतुलन का प्रयास माना गया है।

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बंदरगाह और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ईरानी समकक्ष मेहरदाद बजरपाश के साथ चाबहार स्थित शाहिद-बेहिश्ती पोर्ट टर्मिनल के दीर्घकालिक संचालन अनुबंध के गवाह बने। सोनोवाल ने कहा, चाबहार न केवल भारत का निकटतम ईरानी बंदरगाह है, बल्कि समुद्री परिवहन की दृष्टि से भी अहम है। यह बंदरगाह वैश्विक उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी)  परियोजना का प्रमुख केंद्र बनेगा। आईएनएसटीसी में शामिल भारत  -दक्षिण अलावा ईरान, अफगानिस्तान, टीसी) आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस मिलकर   एशिया-यूरोप के बीच माल-ढुलाई की. 7,200 किमी लंबी परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। यह भारत-अफगानिस्तान के लिए भी मील का पत्थर है।

भारत के लिए अहम है ईरान का पोर्ट

भारत के लिए ईरान का चाबहार बंदरगाह बेहद महत्वपूर्ण है। यहां एक-एक करके समझ लेते हैं भारत के लिए ईरान के इस पोर्ट का महत्व।
1- भारत के लिए रणनीतिक रूप से यह काफी महत्वपूर्ण है।
2- भारत की अब अफगानिस्तान तक पहुंच आसान हो जाएगी, पहले कोई भी माल भेजने के लिए पाकिस्तान होकर जाना पड़ता था।
3- अब आर्मेनिया, अजरबैजान के साथ सीधे व्यापार कर संभव होगा।
4- यूरोप तक आसानी से कारोबार होगा और यूरोप पहुंचने में हमारे जहाजों को 15 दिन कम लगेंगे।
5- चाबहार प्रोजेक्ट पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह और चीन की बेल्ट एंड रोड पहल का जवाब है।
6- मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के बीच कारोबार बेहतर होगा और आपसी संबंध मजबूत होंगे।
7- इसके जरिये भारत राष्ट्रमंडल देशों तक पहुंचने के लिए नॉर्थ-साउथ परिवहन गलियारे को विकसित करना चाहता है। Port of Iran News

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