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मायावती के गलत फैसलों से रसातल में पहुंची बीएसपी,गिरा वोट शेयर

Uttarpradesh News

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Uttarpradesh News : उत्तर प्रदेश में बीएसपी का ग्राफ कुछ समय से लगातार गिरता जा रहा था और 2024 के लोकसभा  के चुनाव में तो बीएसपी बिल्कुल ही रसातल पर पहुंच गई है। इस बड़ी हार का कारण मायावती के गलत फैसलों को बताया जा रहा है।

बीएसपी का वोट शेयर आया नीचे

अगर लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन की बात करें तो यह बीएसपी का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है । अगर बात करें आंकड़ों की तो बीएसपी को 1996 से 2024 तक लोकसभा में मिली सीटों का ब्यौरा नीचे दिया गया है।

लोकसभा चुनाव                             सीटें
1996                                              11

1998                                             05

1999                                             14

2004                                            19

2009                                            21

2014                                             00

2019                                             10

2024                                            00

2014 के बाद बीएसपी का यह सबसे खराब प्रदर्शन रहा है । 2014 में भी बीएसपी को एक भी लोकसभा सीट नहीं मिल पाई थी। कभी देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश पर राज करने वाली पार्टी बीएसपी का एक भी नुमाइंदा 18वीं लोकसभा में नहीं होगा।

बीएसपी ने देश भर में 424 सीटों पर उतारे थे उम्मीदवार

बीएसपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में देशभर में 424 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। जिसमें उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 79 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। 2019 में मायावती ने सपा और आरएलडी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था जिसका ज्यादा फायदा बीएसपी को हुआ था और पार्टी ने 10 सीटें जीती थी। लेकिन इस बार वह कहीं भी मुकाबले में नहीं थी। इस बार बीएसपी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया , और ज्यादातर सीटों पर बीएसपी के प्रत्याशी तीसरे या चौथे स्थान पर रहे ।

वोट शेयर भी घटकर 2% पर पहुंच गया

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देश में इस बार बीएसपी का वोट शेयर भी घटकर 2% पर पहुंच गया । 2024 में उत्तर प्रदेश में बीएसपी का वोट शेयर 3% गिर कर  9.38 फ़ीसदी हो गया है । जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का वोट शेयर 12.88 % था। हालांकि पार्टी ने केवल एक ही विधानसभा सीट जीती थी ।

उत्तर प्रदेश में  हार का कारण

उत्तर प्रदेश में बीएसपी की सोशल इंजीनियरिंग हुई फ़ेेल

उत्तर प्रदेश में इस बार BSP का मुस्लिम और दलित कांबिनेशन का कार्ड नहीं चला। यह बुरी तरह नाकामयाब रहा । बीएसपी ने इस बार भी 35 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिए थे पर वह मुस्लिम वोटरों को रिझा नही पाई । उनका यह दांव काम नहीं आया ।मुस्लिम वोटरों ने टैक्टिकल वोटिंग की जिसका फायदा समाजवादी पार्टी को हुआ।

मुसलमान ने BSP  का साथ नहीं दिया

खुलकर नहीं लड़ा चुनाव

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उत्तर प्रदेश में मायावती (Mayawati ) ने चुनाव में ज्यादा अग्रेशन नहीं दिखाया । वह काफी संयमित होकर चुनाव लड़ रही थी। उनकी रैलियोँ में सरकार के विरोध में कोई अग्रेशन नजर नहीं आयाा, जिस तरह से सपा या कांग्रेस की रैलियोँ में था ।

आकाश आनंद को बैक फुट पर लाने का फैसला हुआ गलत

उत्तर प्रदेश में उनके भतीजे आकाश आनंद ने पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए कोशिश की थी और उनके प्रचार में यह अग्रेशन नजर आ रहा था लेकिन उन्हें भी बीच चुनाव में ही चुप करवा दिया गया । मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर और उत्तराधिकारी के पद से हटा दिया। आकाश आनंद को बैक फुट पर लाने का फैसला उत्तर प्रदेश में बीएसपी को ले डूबा। यह वह गलतियां थी जिसका भारी नुकसान बीएसपी को लोकसभा चुनाव में चुकाना पड़ा है।

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