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बड़ा काम करने फ्रांस जा रहे हैं भारत के NSA अजीत डोभाल, यात्रा है खास

 NSA Ajit Doval

 NSA Ajit Doval

 NSA Ajit Doval : भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार  NSA अजीत डोभाल के ऊपर भारत का प्रत्येक नागरिक गर्व करता है।  NSA अजीत डोभाल हर रोज भारत की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के काम में जुटे रहते हैं। सोमवार से  NSA अजीत डोभाल फ्रांस की यात्रा पर जा रहे हैं। जानकार सूत्रों का दावा है कि भारत के  NSA अजीत डोभाल फ्रांस में बहुत बड़ा काम करने जा रहे हैं।

खास है  NSA अजित डोभाल की फ्रांस यात्रा

आपको बता दें कि  NSA अजीत डोभाल सोमवार से दो दिन के दौरे पर फ्रांस जा रहे हैं। फ्रांस में वह शीर्ष अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है कि वह मुख्य रूप से राफेल सौदे पर बात करने के लिए फ्रांस जा रहे हैं। कुछ दिन पहले ही फ्रांस की तरफ से राफेल डील को लेकर विस्तृत ऑफर भारत के साथ साझा किया गया था। इस साल के अंत तक भारत इस बातचीत को नतीजे तक पहुंचाकर कॉन्ट्रैक्ट को फाइनल करने के मूड में है। NSA अजीत डोभाल के दौरे से पहले फ्रांस की कंपनी ने प्राइस घटाकर फाइनल ऑफर दिया है। भारतीय नौसेना के लिए यह डील काफी फायदेमंद हो सकती है। रूस में बने मिग-29K विमानों के साथ नौसेना के बेड़े में नए राफेल विमानों को शामिल करने का प्लान है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट की मानें तो अगर फ्रांस के साथ राफेल डील फाइनल हो जाती है तो नौसेना के मिग 29K विमानों को दसॉ कंपनी के राफेल विमानों से रीप्लेस कर दिया जाएगा।

इस सौदे में 22 सिंगल सीट वाले राफेल मरीन एयरक्राफ्ट और चार टू सीटर ट्रेनर वर्जन एयरक्राफ्ट शामिल हो सकते है। भारतीय नौसेना को आधुनिक विमानों और पनडुब्बियों की जरूरत है। नौसेना को और ज्यादा ताकतवर बनाने के लिए इस सौदे को अहम माना जा रहा है। इस सौदे को डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने पहले ही मंजूरी दे दी है। फ्रांस की मदद से भारत एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री को भी मजबूत कर रहा है।

NSA  के दौरे से पहले आई खुशखबरी

बताया जा रहा था कि विमानों की कीमत ही केवल इस डील में आड़े आ रही थी।  NSA अजीत डोभाल के दौरे से पहले फ्रांस ने इसकी कीमत घटाकर फाइनल प्राइस का ऑफर दिया है। हालांकि यह पता नहीं चला है कि डील कितने में होने वाली है। सूत्रों का कहना है कि भारत इस डील के लिए 2016 वाला बेस प्राइस ही रखना चाहता है। इससे पहले भारत ने 36 राफेल विमान खरीदे थे। बताया जा रहा है कि यह सौदा 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का हो सकता है। जानकारी के मुताबिक अब तक जो चर्चा हुई है उसके अनुसार फ्रांस विमानों के साथ ही हथियार, सिमुलेटर, क्रू के लिए ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी मुहैया करवाएगा। इसके अलावा भारतीय हथियारों को असेंबल करने में भी फ्रांस मदद करेगा। इन विमानों को आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जा सकता है। इसके आलावा आईएनएस डेगा पर भी तैनाती हो सकती है।

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