UP News : राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ (RSS ) ने उत्तर प्रदेश की धरती पर एक बड़ा संकल्प लिया है। RSS ने यह बड़ा संकल्प उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में चल रही संघ के पदाधिकारियों की राष्ट्रीय स्तर की बैठक में लिया है। उत्तर प्रदेश में संघ की यह खास बैठक लगातार 10 दिन तक चलेगी। आरएसएस (RSS) की इस खास बैठक में तय किया गया है कि आरएसएस (RSS) के 100 साल पूरे होने पर अगले साल तक भारत के प्रत्येक गांव में संघप की शाखा लगाई जाएगी। अगले साल यानि 2025 में आरएसएस (RSS) की स्थापना के 100 साल पूरे हो रहे हैं।
क्या है संघ का बड़ा संकल्प?
इन दिनों उत्तर प्रदेश केे मथुरा जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक चल रही है। RSS की इस प्रकार की बैठक हर साल दीपावली के मौके पर ही आयोजित की जाती है। उत्तर प्रदेश की इस बैठक में RSS के प्रमुख मोहन भागवत खुद शामिल हो रहे हैं। साथ ही देश भर के RSS के सभी महत्वपूर्ण पदाधिकारी इस बैठक में शामिल हो रहे हैं। बैठक के लिए खासतौर से उत्तर प्रदेश को चुना गया है। बैठक में शामिल आरएसएस (RSS) के एक पदाधिकारी ने बताया है कि अगले दशहरे पर स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी शाखाओं को देश के हर गांव तक ले जाना चाहता है।
उन्होंने बताया कि 26 अक्तूबर उत्तर प्रदेश के मथुरा में दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में होने वाली संघ पदाधिकारियों की अहम बैठक से पहले सरसंघचालक मोहन भागवत ने इससे जुड़े एजेंडे पर चर्चा की। मथुरा के परखम में रविवार को 3,000 स्वयंसेवकों ने योग किया। हालांकि, भागवत इसमें शामिल नहीं हुए। उन्होंने एजेंडे पर मंथन किया। दरअसल, 10 दिवसीय आयोजन में तीन ऐसे दिन हैं, जब मुख्य बिंदुओं पर बात होगी। सबसे अहम कार्यक्रम 26 अक्तूबर को है। इस दिन आरएसएस प्रमुख पूरे 46 प्रांत के 400 पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसमें सबसे अहम है कि हर गांव में आरएसएस की शाखा लगनी चाहिए
उत्तर प्रदेश में बैठक का खास कारण है UP News
आपको यह भी बता दें कि आरएसएस (RSS) की महत्वपूर्ण बैठक उत्तर प्रदेश में आयोजित करने के पीछे बहुत ही खास कारण है। दरअसल उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद संघ का पूरा फोकस उत्तर प्रदेश की मथुरा तथा वाराणसी नगरी पर है। आरएसएस (RSS) का नारा रहा है कि “अयोध्या तो बस झांकी है, मथुरा व काशी बाकी है।” संघ अपने उसी नारे को साकार करना चाहता है। यही कारण है कि संघ ने सालाना महत्वपूर्ण बैठक के लिए उत्तर प्रदेश की धरती को चुना है। संघ के जानकार सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के मथुरा में बैठक के आयोजन का बड़ा उद्देश्य है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद अब संघ यह संदेश पूरे देश में देना चाहता है कि आरएसएस के मन में केवल राम ही नहीं, कृष्ण भी हैं। यहां भी कई धार्मिक मामले फंसे हैं और संघ यही इन पर पैनी निगाह रखे हुए है। कारण है कि आरएसएस के मथुरा महानगर, कोसी एवं वृंदावन जिलों के पदाधिकारियों को अतिरिक्त लक्ष्य दिए जाएंगे। UP News
उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, होगा खास इंतजाम
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