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रतन टाटा की 10 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी की वसीयत आई सामने, कुत्ते का भी नाम

Ratan Tata

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Ratan Tata : प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) की कुल निजी प्रॉपर्टी की कीमत 10 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है। रतन टाटा की इस 10 हजार करोड़ रूपए की प्रोपर्टी की वसीयत सामने आ गई है। रतन टाटा (Ratan Tata) ने अपनी वसीयत में अपनी प्रॉपर्टी का सबसे बड़ा हिस्सा समाजसेवा के लिए ट्रस्ट को देना तय किया है। रतन टाटा की वसीयत में उनके निजी नौकर, घरेलू सहायक तथा पालतू कुत्ते तक के नाम शामिल किए गए हैं।

रतन टाटा की वसीयत का हो गया खुलासा

प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) की वसीयत का खुलासा एक मीडिया हाउस ने किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया नामक मीडिया हाउस की एक डिटेल रिपोर्ट में रतन टाटा की वसीयत की अंदरूनी जानकारी प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक रतन टाटा की 10 हजार करोड़ मूल्य की प्रॉपर्टी की वसीयत में किसी भी चाहने वाले को निराश नहीं किया गया है। रतन टाटा की वसीयत के मुताबिक वसीयत पर अमल करने का जिम्मा अपनी सौतेली बहनों शिरीन और डायना जेजीभॉय के साथ-साथ वकील दारायस खंबाटा तथा रतन टाटा के करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री को दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, रतन टाटा (Ratan Tata) की वसीयत की सभी बातें तो सार्वजनिक नहीं हुई हैं, लेकिन इतना जरूर है कि उनकी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा चैरिटी रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को जाएगा।

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन फाउंडेशन का नेतृत्व करेंगे और सामाजिक कल्याण और सेवा के लिए टाटा के नजरिए को जारी रखेंगे। टाटा की वसीयत के अनुसार, फाउंडेशन को आरएनटी एसोसिएट्स और RNT एडवाइजर्स के माध्यम से उनके स्टार्टअप निवेश के परिसमापन से भी लाभ होगा, जिससे इसकी धर्मार्थ पहलों को काफी बढ़ावा मिलेगा।

रतन टाटा की वसीयत में खाना बनाने वाले का भी नाम

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, वसीयत में उनके भाई जिमी टाटा और सौतेली बहनों शिरीन और डीनना जेजीभॉय सहित करीबी पारिवारिक सदस्यों के लिए प्रावधान किए गए हैं। टाटा के वफादार घरेलू कर्मचारी, जैसे कि उनके रसोइए राजन शॉ और बटलर सुब्बियाह भी इसमें शामिल हैं, जिन्होंने उनके साथ दशकों तक सेवा की है। टाटा के कार्यकारी सहायक और विश्वासपात्र शांतनु नायडू को भी वसीयत का हिस्सा बनाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ने नायडू द्वारा शिक्षा के लिए लिया गया पर्सनल लोन माफ कर दिया गया है और नायडू के सभी कारोबार गुडफेलो में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी है। नायडू को मिली ये बड़ी राहत बताती है कि शांतनु, रतन टाटा के आखिर कितने करीबी थे। रतन टाटा ने अपने पेट जर्मन शेफर्ड टीटो की आजीवन देखभाल सुनिश्चित की है। वसीयत में कहा गया है कि 5-6 साल पहले गोद लिए गए टीटो की देखभाल शॉ द्वारा की जाती रहेगी।

रतन टाटा कोलाबा निवास और ताज वेलिंगटन म्यूस में रखे गए 20-30 लग्जरी कारों का कलेक्शन अभी तक आवंटित नहीं किया गया है, जिसमें नीलामी या सार्वजनिक प्रदर्शन जैसे विकल्प शामिल हैं। उनका फेमस अलीबाग बीच बंगला और जुहू तारा रोड पर मुंबई निवास भी संपत्ति का हिस्सा हैं। इस पर भी अभी तक फैसला सामने नहीं आया है। रतन टाटा की वसीयत सोशल मीडिया पर खूब सर्च की जा रही है।

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