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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जुटे हैं 10 हजार छात्र तथा युवा, कर रहे हैं प्रदर्शन

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UP News : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में छात्रों तथा युवाओं को उग्र प्रदर्शन जारी है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने छात्रों को समझाने का भरपूर प्रयास किया है किन्तु बड़ी संख्या में छात्र धरने पर बैठ गए हैं। प्रयागराज में तैनात उत्तर प्रदेश पुलिस के एक अधिकारी ने दावा किया है कि कम से कम 10 हजार छात्र तथा युवा प्रयागराज की सड़कों पर मौजूद हैं।

 उत्तर प्रदेश सरकार से नाराज हैं छात्र

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के छात्र सोमवार की सुबह ही प्रयागराज में एक हो गए थे। प्रयागराज में स्थित UPPSE के कार्यालय के बाहर छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी छात्रों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने लाठीचार्ज करके तितर-बितर कर दिया। उत्तर प्रदेश पुलिस के लाठीचार्ज से अनेक छात्रों को गंभीर चोटें लगी हैं। लाठीचार्ज के बाद लगभग 10 हजार छात्र UPPSE के कार्यालय के कुछ दूरी पर धरने पर बैठ गए। समाचार लिखे जाने तक यह धरना लगातार जारी है। इस मामले में समाजवादी पार्टी का पक्ष भी सामने आया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि, छात्र गांधीवादी तरीके से न्याय मांग रहे हैं किन्तु भ्रष्ट भाजपा सरकार ने हिंसक होकर छात्रों के ऊपर जबरदस्त लाठीचार्ज किया है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस दौरान छात्रों ने घोषणा की है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती आंदोलन जारी रहेगा।

छात्र कर रहे हैं अपने हक की मांग

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (UPPSE) ने पीसीएस की प्री-परीक्षा तथा RO/ARO की परीक्षा दो-दो अलग तारीखों में घोषित कर रखी है। UPPSE के अनुसार PCS की प्री परीक्षा 7 तथा 8 दिसंबर 2024 को  RO/ARO की परीक्षा 22 तथा 23 दिसंबर को कराने की घोषणा कर रखी है। आयोग ने दोनों ही परीक्षा के लिए नॉर्मलाइजेशन यानि नॉर्मलाइजेशन स्कोर (Normalized Score) की  व्यवस्था लागू की है। यह व्यवस्था पहली बार लागू की गई है। छात्रों का आरोप है कि यह व्यवस्था पूरी तरह गलत है। इस व्यवस्था के कारण परीक्षा में भारी गड़बड़ी हो सकती है। आंदोलनकारी छात्र नॉर्मलाइजेशन की व्यवस्था को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसी कारण इतना बड़ा आंदोलन खड़ा हो गया है।

क्या होता है नॉर्मलाइजेशन? UP News

किसी प्रतियोगी परीक्षा में जो परीक्षा एक दिन में एक ही शिफ्ट में खत्म हो जाती है उस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता नहीं होती। जो परीक्षा एक से अधिक दिन तक आयोजित की जाती है उस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसके लिए तर्क यह दिया जाता है कि अलग-अलग होने वाले प्रश्न-पत्रों के लेवल में अंतर हो सकता है। इसलिए जिस शिफ्ट में सरल पेपर आया है केवल उसी शिफ्ट के छात्रों को फायदा न मिले इसके लिए पूरी परीक्षा के प्रश्न पत्रों का लेवल समान करने के लिए नॉर्मलाइजेशन का फार्मूला अपनाया जाता है। इस फार्मूले के कारण परीक्षा में भारी गड़बड़ी की आशंका है इसीलिए उत्तरप्रदेश के 10 हजार छात्र सड़कों पर उतर कर इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं। UP News

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