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भारत करने वाला है बड़ा कमाल, करेगा एशिया का नेतृत्व

India's Economy

India's Economy

India’s Economy : भारत की अर्थ व्यवस्था बहुत ही तेज गति से आगे बढ़ रही है। तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के कारण भारत जल्दी ही बड़ा कमाल करने वाला है। दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पकड़ रखने वाली एजेंसी मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) की रिपोर्ट में भारत को लेकर बड़ा दावा किया गया है। मॉगर्न स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले कुछ सालों में भारत एशिया की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करेगा। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट बताती है कि भारत अर्थव्यवस्था में तेजी की लहर का नेतृत्व करेगा।

भारत करेगा एशिया का नेतृत्व

मॉर्गन स्टेनली ने बृहस्पतिवार को एशियाई अर्थव्यवस्थ की रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्ष-2027 तक एशिया की GDP 39 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगी। इस बढ़ोत्तरी के साथ ही एशिया दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बन जाएगी। मॉगर्न स्टेनली की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया में अर्थव्यवस्था की तेजी का नेतृतव भारत करने वाला है। भारत एशिया की अर्थव्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यही कारण है कि पूरी दुनिया की निगाह इस समय भारत की अर्थव्यवस्था पर टिकी हुई है। यहां हम आपको मॉगर्न स्टेनली की रिपोर्ट के प्रमुख अंश बता रहे हैं। India’s Economy

क्या कहती है मॉगर्न स्टेनली की रिपोर्ट

बृहस्पतिवार को जारी की गई मॉगर्न स्टेनली की रिपोर्ट में एशिया की अर्थव्यवस्था को सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था कहा गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत जैसी अर्थव्यवस्थाएं एशिया के विकास की अगली लहर को चलाने के लिए तैयार हैं, क्योंकि क्षेत्र के विकास में चीन का योगदान घटने वाला है। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडोनेशिया, फीलीपीन और मलयेशिया जैसी अन्य उभरती दक्षिण पूर्व एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के साथ एशिया में विकास की अगली लहर का नेतृत्व भारत करेगा।
बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, उपरोक्त चार अर्थव्यवस्थाओं का सामूहिक रूप से 2027 तक एशिया के नॉमिनल सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी वृद्धि में 53 प्रतिशत योगदान होने की उम्मीद है। कोरोना से पहले के समय में 33 फीसदी का योगदान था। रिपोर्ट के अनुसार, उपरोक्त प्रकार के बदलाव तब आते हैं, जब जनसांख्यिकीय परिवर्तन, नीतिगत प्राथमिकताएं और देश मिलकर क्षेत्र के आर्थिक परिदृश्य को नया आकार देते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ दशकों में एशिया का आर्थिक आकार तेजी से बढ़ा है। 1980 में इसकी नॉमिनल जीडीपी केवल 2.1 लाख करोड़ डॉलर से बढक़र 2024 में अनुमानित 34 लाख करोड़ डॉलर हो गई है।

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