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विदेशी दामाद को बताया दुनिया का सबसे अच्छा दामाद

Rishi Sunak in UK

Rishi Sunak in UK

Rishi Sunak in UK : अपना बेटा, बेटी तथा दामाद (Son in Law) सभी को अच्छे लगते हैं। अचानक एक विदेशी दामाद की खूब तारीफ हो रही है। इस विदेशी दामाद का नाम ऋषि सुनक (Rishi Sunak) हैं। ऋषि सुनक भारतीय मूल के अंग्रेज हैं। यह वही ऋषि सुनक हैं जो अक्टूबर 2022 से जुलाई 2024 तक ब्रिटिश (UK) के प्रधानमंत्री थे। UK के प्रधानमंत्री रह चुके ऋषि सुनक भारत की प्रसिद्ध लेखिका तथा राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति के दामाद हैं। सुधा मूर्ति का कहना है कि उनके दामाद ऋषि सुनक दुनिया के सबसे अच्छे दामाद (Rishi Sunak) हैं। सांसद सुधा मूर्ति ने अपने दामाद ऋषि सुनक की तारीफ बाकायदा एक समारोह में सबके सामने की है।

भारतीय विद्या भवन के कार्यक्रम में हुई ऋषि सुनक की तारीफ

ब्रिटिश ( UK) के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की तारीफ भारतीय विद्या भवन के कार्यक्रम में हुई। ऋषि सुनक (Rishi Sunak) तथा उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति भी मौजूद थीं। ऋषि सुनक की तारीफ सुनकर सभी श्रोताओं ने भी हामी भरी। सभी का कहना था कि वास्तव में ऋषि सुनक तारीफ के हकदार हैं। भारतीय विद्या भवन में दीपावली मिलन समारोह का आयोजन किया जा रहा था। इस आयोजन में भारतीय संस्कृति तथा भारतीय मूल्यों की चर्चा हो रही थी। इस आयोजन की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लेखिका तथा राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति थीं। ब्रिटिश के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सुधा मूर्ति के दामाद हैं। भारतीय संस्कृति तथा मूल्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने दीवाली समारोह में ब्रिटिश नागरिक के रूप में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को अपनाने के लिए दामाद ऋषि सुनक की खूब प्रशंसा की। उन्होंने पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की परवरिश को लेकर ऋषि सुनक के माता-पिता तथा अपने समधी व समधन की तारीफों के पुल बांधे।

दामाद ऋषि सुनक के लिए क्या बोलीं सुधा मूर्ति

कार्यक्रम के दौरान प्रख्यात लेखिका सुधा मूर्ति ने कहा कि मैं हमेशा मानती हूं कि जब आप विदेश में होते हैं, तो आपके माता-पिता को दो काम करने चाहिए। एक तो अच्छी शिक्षा, जो आपको बदले में पंख देती है और आप कहीं भी उड़कर बस सकते हैं; दूसरा है बढ़िया संस्कृति, आपकी उत्पत्ति जो भारतीय मूल या जड़ें हैं जो आपको अपने माता-पिता के साथ भारतीय विद्या भवन में मिल सकती हैं।

आगे सुधा मूर्ति ने कहा कि मैं अपनी संबंधी और अच्छी मित्र उषा जी को बधाई देना चाहती हूं, जिन्होंने अपने बेटे पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को भारतीय संस्कृति से जुड़ने का एक बेहतरीन रास्ता दिया, फलस्वरूप वह एक गौरवान्वित ब्रिटिश नागरिक बने और उनमें अच्छे भारतीय सांस्कृतिक मूल्य स्थापित हुए। सुधा मूर्ति ने ब्रिटिश भारतीय समुदाय के लोगों से भारतीय विद्या भवन यूके की सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की अपील की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि, सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति को समझाने के लिए यहां भेजना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप बड़े हो जाते हैं तो अपनी जड़ों में वापस लौटते हैं। भारतीय विद्या भवन उसी कमी को पूरा करता है। इसलिए आपको उन्हें जीवित रखने के लिए हर तरह से मदद करनी चाहिए। इस कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ की गई थी। वहीं, इसमें सांस्कृतिक केंद्र की कई उपलब्धियों पर प्रकाश डालने का काम किया गया था, जो भारतीय कला, संगीत, नृत्य, योग और भाषाओं में उत्कृष्टता का केंद्र माना जाता है। ये केंद्र 23 अलग-अलग विषयों में 120 से अधिक कक्षाएं प्रदान करता है। बता दें कि पूर्व ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति ने 1970 के दशक से केंद्र की कई गतिविधियों के पीछे टीम को एक स्मृति चिन्ह भेंट किए थे।

ऋषि सुनक ने  UK में रचा है इतिहास

आपको बता दें कि ऋषि सुनक ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनकर बड़ा इतिहास रच दिया है। ऋषि सुनक भारतीय मूल के ब्रिटिश राजनेता हैं। ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को हुआ था। ऋषि सुनक अक्टूबर 2022 से जुलाई 2024 तक  UK के प्रधानमंत्री रहे थे। ऋषि सुनक एशियाई तथा भारतीय मूल के पहले नेता हैं जो UK के प्रधानमंत्री रहे हैं।

ऋषि सुनक का राजनीतिक जीवन कुल 7 साल का रहा। 7 साल के राजनीतिक कैरियर में ही वें UK के प्रधानमंत्री बन गए थे। ऋषि सुनक के पूरे राजनीतिक करियर को आप नीचे कड़ी दर कड़ी समझ सकते हैं।

2015 : ऋषि सुनक को रिचमॉन्ड, यॉर्कशायर का सांसद चुना गया था।

2016 : सुनक ‘ब्रेक्जिट’ (यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने) के समर्थक हैं और उन्होंने इसके पक्ष में अभियान भी चलाया था। उनके इस कदम ने आने वाले वर्षों में टोरी पार्टी में उनका क्रमिक रूप से प्रभाव बढ़ाया था।

2018 : तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरेजा मे के तहत, सुनक को पहली बार मंत्री बनाया गया और उन्हें आवास, समुदाय एवं स्थानीय शासन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी।

जुलाई 2019 : सुनक ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद के लिए बोरिस जॉनसन का समर्थन किया और उन्हें इसका पुरस्कार तत्कालीन चांसलर साजिद जावेद के तहत मंत्री के तौर पर नियुक्ति के रूप में मिला था।

फरवरी 2020 : ब्रिटिश चांसलर और तत्कालीन प्रधानमंत्री के बीच सत्ता की रस्सकशी को लेकर जावेद के इस्तीफा देने के बाद बोरिस जॉनसन ने सुनक को चांसलर के रूप में पदोन्नत किया था।

अप्रैल 2020 : कोविड-19 महामारी के कारण मार्च 2020 में ब्रिटेन में पूर्ण लॉकडाउन लगने के बाद, सुनक द्वारा काफी संख्या में नौकरियां बचाने और कारोबार को राहत प्रदान करने वाले उपाय किये जाने को लेकर उनकी सराहना की गई थी।

2021 : पार्टीगेट प्रकरण के कारण जॉनसन के प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के लिए समस्याएं पेश आने के बाद उनके उत्तराधिकारी के रूप में सबसे पसंदीदा नेता के तौर पर सुनक का नाम उभर कर सामने आया था। हालांकि, भारतीय मूल के चांसलर ने उस वक्त मिली जिम्मेदारियों पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया था।

फरवरी 2022 : ब्रिटेन के चांसलर सुनक ने स्वीकार किया कि वह डाउनिंग स्ट्रीट स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में जॉनसन के जन्मदिन के कार्यक्रम में उपस्थित थे। यह कार्यक्रम लॉकडाउन के तहत लागू नियमों का उल्लंघन था।

अप्रैल 2022 : अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति को इंफोसिस कंपनी से हुई अपनी आय पर ब्रिटेन में कथित तौर पर कर नहीं देने को लेकर वह और सुनक मीडिया की सुर्खियों में रहे थे।

जुलाई 2022 : ऋषि सुनक ने चांसलर के पद से इस्तीफा दे दिया था।

8 जुलाई : सुनक ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के तौर पर जॉनसन की जगह लेने के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी।

20 जुलाई : ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद की प्रतिस्पर्धा के अंतिम चरण में लिज ट्रस से मुकाबला करने के लिए सुनक 137 वोट के साथ कंजरवेटिव पार्टी में सबसे आगे निकल गये थे।

1 सितंबर : सुनक ने चुनाव प्रचार से जुड़े अंतिम कार्यक्रम में अपने माता-पिता तथा पत्नी अक्षता मूर्ति का, उनके सहयोग के लिए आभार जताया था।

5 सितंबर : ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री बनने के लिए कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में लिज ट्रस ने सुनक को हराया था।

14 अक्टूबर : ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने शेयर बाजार में घबराहट के माहौल के बीच चांसलर पद से क्वासी क्वार्तेंग को बर्खास्त किया गया था। इसी बीच

20 अक्टूबर: ट्रस ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के महज छह हफ्ते बाद, एक खुली बगावत का सामना करने के बीच इस्तीफा दे दिया।

24 अक्टूबर : दिवाली के दिन पेनी मॉर्डंट के दौड़ से हटने की घोषणा के बाद सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुन लिया गया।

25 अक्टूबर : ऋषि सुनक को महाराजा चार्ल्स तृतीय ने भारतीय मूल का पहला ब्रिटिश प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। सुनक जुलाई 2024 तक UK के प्रधानमंत्री रहे थे।

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