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Exclusive: नियोलैक्टा कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की मांग, मां के दूध का अवैध व्यापार करती है कंपनी

NeoLacta Comapnay

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New Delhi/ Banglore/ Noida: नई दिल्ली/बैंगलौर/नोएडा। ब्रेस्ट फीडिंग नेटवर्क ऑफ इंडिया (Breast Feeding Network of India) (BPNI) नामक संस्था ने भारत सरकार(Indian Govt)  से नियोलैक्टा लाईफ साइंस (Neolacta Life Science)नामक कंपनी का लाइसेंस तुरंत रद्द करने की मांग की है। संस्था के अध्यक्ष डा. अरूण गुप्ता की पहल पर यह पत्र लिखा गया है।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय को लिखे गए पत्र बीपीएनआई(BPNI) की नेशनल कोर्डिनेटर नुपुर बिडला (National Coordinator Nupur Bidla) के हस्ताक्षर हैं। पत्र में स्पष्ट आरोप लगाया गया है कि नियोलैक्टा (Neolacta)नामक कंपनी ‘मां के दूध’ का अवैध व्यापार कर रही है। यह कार्य गैर कानूनी होने के साथ ही साथ अनैतिक कार्य भी है। पत्र में मांग की गई है कि आयुर्वेदिक दवाई के नाम पर मां के दूध को बेचने के लाइसेंस एयूएस-993 को तुरन्त रद्द किया जाए। पत्र में मां के दूध के अवैध व्यापार को ना किए जाने के सभी सामाजिक व नैतिक पहलू भी पूरे विस्तार से वर्णित किए गए हैं।

यहां यह तथ्य विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि 8 जुलाई 2022 को चेतना मंच(Chetna Manch) ने अपने यू-ट्यूब चैनल (You tube Channel) के कार्यक्रम मंथन में इस मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाया था। इससे पूर्व देश के कई मीडिया समूह इस मुद्दे को उठा चुके हैं।

यहाँ  देखें पूरी स्टोरी :- मां के दूध का व्यापार करने वाली कंपनी का काला सच | Neolacts |Breast Milk |CHETNA MANCH | Manthan E43

क्या है पूरा मामला
आप जानते ही हैं कि दुनिया में मां से बढिय़ा कोई रिश्ता हो ही नहीं सकता, किन्तु यदि आपको पता चले कि मां की पूजा करने वाले हमारे देश में मां की ममता का भी व्यापार होने लगा है, तो यह बात सुनकर सबको बुरा लगना स्वभाविक ही है। जी हां बाकायदा गरीब माताओं को चंद सिक्के देकर उनके छाती से उनके बच्चों के लिए उतरने वाले दूध को खरीद कर एक कंपनी उस दूध को बाजार में बेच रही है। बेंगलुरु(Bangalore)  की कंपनी नियोलैक्टा लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड (Neolacta Lifesciences Private Limited) मां का दूध बेचती है। यह एशिया की पहली कंपनी है जो अपने मोटे मुनाफे के लिए मां का दूध बेचती है।

बताते चलें कि नियोलैक्टा लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना साल 2016 में हुई थी।कंपनी ने डेयरी प्रोडक्ट(Dairy Product)  की कैटेगरी में बाकायदा सरकार से लाइसेंस लिया हुआ है। मजेदार बात यह है कि हमारे संविधान और कानून में मां के दूध के व्यापार को सरासर गैर कानूनी कहा गया है। ब्रिटेन के डॉ. माइकल नामैन (Dr. Michael Nauman of Britain) और अर्थशात्री सुसान न्यूमैन (Economist Susan Newman)ने दिसंबर, 2020 में इस मामले की छानबीन कर एक आलेख प्रकाशित कराया था, जिसमें बताया गया था कि इस कंपनी ने एनजीओ के माध्यम से गरीब माताओं को लालच देकर दूध बटोरा और उसे डिब्बा बंद कर बाजार में ऊंची कीमत पर बेचना शुरू किया है।

मामले के प्रकाश में आने के बाद फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Food Safety and Standards Authority of India)(एफएसएसएआई)’ ने कंपनी के लाइसेंस को रद्द कर दिया, क्योंकि मां के दूध का व्यापार गैर कानूनी है। इस कम्पनी ने एफएसएसएआई द्वारा कार्रवाई के बाद भी चालबाजी जारी रखी और ब्रांड नाम बदलते हुए नारी क्षीर; नाम से नवंबर 2021 में आयुष लाइसेंस प्राप्त कर लिया। उसी आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH)से इस कंपनी में आयुर्वेदिक दवाईयों के नाम पर लाइसेंस ले लिया है।जिस मंत्रालय को हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के मकसद से बनाया था। इन दिनों असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल (Former Assam Chief Minister Sarbananda Sonewal) आयुष मंत्रालय के मंत्री हैं।

मां के दूध का व्यापार करने वाली यह कंपनी 300 मिली लीटर दूध 4500 रूपए में बेचती है। यह दूध आप भारत के किसी भी शहर व कस्बे में खरीद सकते हैं। इस मामले में अब बीपीएनआई ने भारत सरकार को पत्र लिखा है।

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