Bhopal : भोपाल। भ्रष्टाचार रोकने के लिए बनाए गए कठोर कानून भी नाकाम साबित हो रहा है। देश के लगभग हर राज्य में करप्शन के मामले उजागर हो रहे हैं। मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। राज्य में एक सरकारी बाबू के घर से 85 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई है। मध्य प्रदेश सरकार की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने जांच अभियान के दौरान यह नकदी मिली है। अभी हाल ही में पश्चिम बंगाल के कथित शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घरों करीब 50 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी।
मध्य प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने यहां उपनगर बैरागढ़ में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ लिपिक के निवास पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापा मारा और 85 लाख रुपये से अधिक नकद बरामद करने का दावा किया। छापे की कार्रवाई से बचने के लिए लिपिक हीरो केसवानी ने घर में रखा फिनाइल पी लिया। उसे तुरंत हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। भोपाल ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक राजेश मिश्रा ने बताया कि आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर वरिष्ठ लिपिक हीरो केसवानी के आवास पर छापा मारा गया है। छापे में 85 लाख रुपये से अधिक नकद तथा चल व अचल संपत्ति और उनके दस्तावेज बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में लिपिक के घर से कुल चार करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति होने के सबूत मिले हैं।
उन्होंने बताया कि छापे की कार्रवाई फिलहाल जारी है। कार्रवाई समाप्त होने के बाद कुल संपत्ति का मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सुबह केसवानी ने छापे के कार्रवाई का विरोध करते हुए दल के सदस्यों के साथ कथित रूप से हाथापाई की और बाद में घर में रखा फिनाइल जैसा द्रव पी लिया। उल्टी होने पर उसे शासकीय हमीदिया अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। ईओडब्ल्यू अधिकारी ने बताया कि केसवानी का एक पेंटहाउस वाला आवासीय घर, जहां महंगे सजावटी सामान पाए गए। इस मकान की कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये है। अधिकारी ने बताया कि लाखों की राशि केसवानी के परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में जमा पाई गई और अधिकांश संपत्ति उसने अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी, जो एक गृहिणी है और उसके पास आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है।