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Inspirational Story : अपने ज्ञान से दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं आयुष सोलंकी

International: आपने अक्सर सुना और पढ़ा होगा कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती है। ज्ञान को क्षेत्रों अथवा देशों की सीमाओं (Boundary) में नहीं बांधा जा सकता है। इसी सोच को सार्थक कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के जिवाना गुलियान गांव के मूल निवासी बलराम सिंह सोलंकी के पुत्र आयुष सोलंकी ने।

आयुष ने कनाडा के मांट्रियल (Montrial) शहर में विश्वभर के 27 हजार स्वास्थ्य नीति निर्माताओं की तीन दिवसीय बैठक में भाग लिया। इसमें आयुष सोलंकी नेTB  तथा एड्स (AIDS) जैसे भयंकर रोगों के उन्मूलन के बाबत शानदार प्रस्तुति दी। आयुष के भाषण पर अनुभवी हेल्थ एक्सपर्ट, अमेरिकी राष्ट्रपति के मित्र H.V.Ingold ने अपने Comment में आयुष की Our Rock Star कहकर प्रशंसा की।

आपको बता दें कि आयुष सोलंकी ने मनिपाल से MBA  करने के बाद लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक से इंटरनेशनल हेल्थ पॉलिसी, प्लानिंग एंड फाइनेंस में MSC की। Clinton Foundation, Deloit, E.and Y जैसी बड़े संस्थानों में कार्य किया। आजकल वे Washington DC मुख्यालय के अंतर्गत Capetown में 17 देशों के स्वास्थ्य नीति निर्माता हैं।

जी हां, अपनी शिक्षा यानि ज्ञान के बल पर भारत के इस होनहार युवक ने पूरी दुनिया में ना केवल अपने माता-पिता, गांव व जनपद का नाम रोशन किया है, बल्कि अपने हुनर से भारत का झंडा भी दुनिया में बुलंद किया है। आयुष के पिता बलराम सोलंकी भी अद्भुत प्रतिभा के धनी व्यक्ति हैं। वे दो-दो प्रदेशों के राज्यपाल रहे स्व. वीरेन्द्र वर्मा एवं केन्द्रीय कृषि मंत्री रहे सोमपाल शास्त्री (Sompal Shastri ) के निजी सचिव रहे हैं। अभी भी विभिन्न सामाजिक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाते रहते हैं।

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