chithera land scam: ग्रेटर नोएडा। चिटहेरा भूमि घोटाले में शामिल एक पूर्व पीसीएस अधिकारी इस वक्त पुलिस की रडार पर है। इस अधिकारी का घोटाले में प्रमुखता से नाम आया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए दादरी तहसील का यह पूर्व एसडीएम अग्रिम जमानत के लिए गौतमबुद्धनगर की जिला अदालत की शरण में गया था जहां अदालत ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि इस पूर्व अधिकारी को किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है।
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बता दें कि कुख्यात भू-माफिया यशपाल तोमर और उसके गैंग ने प्रशासनिक अधिकारियों, सफेदपोश नेताओं व दादरी तहसील के कर्मचारियों से सांठगांठ कर चिटहेरा भूमि घोटाला किया था। इस दौरान दादरी तहसील में तैनात रहे लेखपाल, कानूनगो, रजिस्टार, तहसीलदार और एसडीएम स्तर के अधिकारियों ने यशपाल तोमर का खुला साथ दिया और करोड़ों के वारे-न्यारे किए थे। एसआईटी ने इस मामले में गांव के लेखपाल शीतला प्रसाद और दादरी तहसील के तत्कालीन रेवेन्यू इंस्पेक्टर गोवर्धन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
अब घोटाले के समय दादरी तहसील में तैनात एसडीएम प्रवीण यादव की बारी है। इस पीसीएस अधिकारी ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) ज्योत्सना सिंह की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। न्यायाधीश ने चिटहेरा भूमि घोटाले में शामिल एसडीएम की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज करते हुए पूर्व अधिकारी को झटका दिया है।
आपको बता दें कि चिटहेरा भूमि घोटाले में 3 आईएएस अफसर, आधा दर्जन पीसीएस अफसरों समेत कई सफेदपोश व कर्मचारियों के नाम पहले ही तफ्तीश में प्रकाश में आ चुके हैं। पुलिस इन सब घोटालेबाजों की घेराबंदी में लगी हुई है।
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