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Mamta Banerjee- आजाद भारत की पहली महिला रेल मंत्री से लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री बनने तक ममता का किरदार रहा अहम

Mamta Banerjee

Mamta Banerjee Birthday- अगर बात हो भारतीय राजनीति की तो इसमें महिलाएं हमेशा पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाती आई हैं। सुचिता कृपलानी हों या इंदिरा गांधी, महिलाओं ने हमेशा राजनीति में अपना दबदबा कायम रखा। ऐसी ही एक महिला हुईं हैं ममता बनर्जी जिन्हें ‘दीदी’ कहकर संबोधित किया जाता है। देश की राजनीति और खासकर बंगाल की राजनीति में इनका अहम किरदार रहा है। आज इन्ही का जन्मदिन है। इस लेख में आइए जानते हैं इनके बारे में कुछ खास बातें-

ममता बनर्जी का बचपन-

ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) का जन्म 5 जनवरी 1955 को कोलकाता बंगाल में हुआ था। इनके पिता का नाम पोमलेश्वर एवं माता का नाम गायत्री था। ममता का जीवन काफी गरीबी में गुजरा और इनकी 17 साल की उम्र में ही इनके पिता का देहांत हो गया था। पिता के जाने के बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी इनके कंधों पर ही आ गई थी। अगर बात करें इनकी शिक्षा की तो शुरुआती शिक्षा इन्होंने कोलकाता के उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से ग्रहण की थी। इसके बाद इन्होंने इतिहास में स्नातक किया एवं इस्लामी इतिहास से पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया।

ममता बनर्जी का राजनीतिक सफर-

जब ममता कॉलेज में थीं तभी से इन्हें राजनीति में काफी दिलचस्पी थी। कॉलेज के समय में ही इन्हें राज्य महिला कांग्रेस के महासचिव के रूप में चुना गया था। कॉलेज के दौरान ही इन्होंने पश्चिम बंगाल की कांग्रेस पार्टी की ओर से कई सारे पदों पर रहकर कार्य किए हैं। इन्होंने महज 15 साल की उम्र में ही इंडियन नेशनल कांग्रेस की शाखा छात्र परिषद की स्थापना की थी। ममता (Mamta Banerjee) में आत्मविश्वास और प्रतिभा की कोई कमी नहीं थी।

ममता बनीं देश की पहली महिला रेल मंत्री –

काफी समय तक ममता (Mamta Banerjee) ने कांग्रेस ने विभिन्न पदों पर कार्य किया। इसके बाद 1999 का वो समय आया जब इनको देश की पहली रेल मंत्री के रूप में चुना गया था। दुर्भाग्यवश ये सरकार ज्यादा समय तक टिक न पाई। इसके बाद 2001 से 2003 तक ममता उद्योग मंत्रालय की सलाहकार समिति में सदस्य के रूप में एक्टिव रहीं। फिर 2004 में इन्होंने केंद्रीय पद संभाला और कोयला और खानों की मंत्री रहीं।

संभाली बंगाल की बागडोर-

बंगाल की जान हैं ममता बनर्जी। पहली बार 20 मई, 2011 में इन्हें बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया था। फिर 5 साल के बाद इनकी सरकार दोबारा आई। 19 मई, 2016 में मममता ने फिर से बंगाल की सत्ता अपने हाथों में ली। इनका सफर यहीं नहीं खत्म होता है। जब फिर से 2021 में मुख्यमंत्री पद के चुनाव हुए, तब भी ममता का ही बोलबाला रहा और कोई भी इन्हें पछाड़ न सका। केंद्र से लेकर बंगाल तक ममता ने अपने आत्मविश्वास और प्रतिभा का परिचय दिया है।

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