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Congress News:कार्यकर्ताओं का आचरण गुंडागर्दी के सिवा कुछ नहीं : आनंद शर्मा

नई दिल्ली। पंजाब में जारी लगातार सियासी उठापटक और आपसी खींचतान के बीच कांग्रेस हाईकमान द्वारा लिए गए निर्णय पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने सवाल क्या उठाया कांग्रेसी कार्यकर्ता बेकाबू हो गए। उन्होंने कपिल सिब्बल द्वारा दिए गए बयान का विरोध करते हुए उनके घर का घेराव करते हुए उनके खिलाफ बेहद आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। इस घटना से क्षुब्ध कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने इस हरकत को कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी करार दिया और सोनिया गांधी से इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

आनंद शर्मा ने कहा कि मतभेद और धारणा लोकतंत्र के अभिन्न अंग हैं। असहिष्णुता और हिंसा कांग्रेस के मूल्यों और संस्कृति से अलग हैं। बाता दें कि शर्मा और कपिल सिब्बल जी 23 का हिस्सा हैं, जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी। शर्मा ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘कपिल सिब्बल के घर पर हमले और गुंडागर्दी की खबर सुनकर स्तब्ध और निराश हूं। यह निंदनीय कार्रवाई पार्टी को बदनाम करती है और इसकी कड़ी निंदा करने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखने का इतिहास रहा है।

शर्मा ने कहा कि इस हरकत के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें अनुशासित किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मामले का संज्ञान लेने और कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है। कांग्रेस के कामकाज पर बुधवार को सवाल उठाने के कुछ घंटे बाद ही सिब्बल पर कई तरह से हमले शुरू हो गए और पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी यहां उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। बता दें कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, सिब्बल के बयान से कार्यकर्ता आहत हुए और इस वजह से उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया। सिब्बल के आवास के बाहर पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्ती ले रखी थी जिस पर ‘गेट वेल सून सिब्बल’ (सिब्बल आप जल्द स्वस्थ हों) लिखा हुआ था। उन्होंने ‘गद्दारों को पार्टी से बाहर निकालो’ के नारे भी लगाए।

कपिल सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए और कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराये जाने चाहिए। उन्होंने कई नेताओं के पार्टी छोड़ने का उल्लेख करते हुए गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया कि ”जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं।’ उन्होंने हैरानी जताते हुए यह भी कहा था कि आश्चर्य की बात है कि पूर्णकालिक अध्यक्ष की अनुपस्थिति में पार्टी में कौन निर्णय ले रहा है। सिब्बल ने जोर देकर कहा, ”हम ‘जी हुजूर 23′ नहीं हैं। हम अपनी बात रखते रहेंगे।’

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