COURT NEWS: नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के उस निर्देश को खारिज कर दिया है, जिसमें केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी) को कुछ व्यक्तियों से जुड़े धन शोधन, हवाला के जरिये धन के लेनदेन, तस्करी और कर चोरी संबंधी जानकारी का खुलासा करने को कहा गया था।
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उच्च न्यायालय सीईआईबी के सीपीआईओ (केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी) की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें सीआईसी द्वारा पारित तीन जुलाई, 2020 के आदेश को चुनौती दी गई थी। इस आदेश के जरिए आरटीआई (सूचना का अधिकार) आवेदक जी एस श्रीनिवासन को कुछ सूचनाओं की जानकारी मुहैया कराने का निर्देश दिया गया था।
उच्च न्यायालय ने कहा कि सीईआईबी को सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम की धारा 24 (1) के तहत स्पष्ट रूप से छूट दी गई है और आरटीआई आवेदक को धनशोधन व कर चोरी से संबंधित शिकायत के परिणाम की जानकारी देने का निर्देश लागू नहीं होता।
इस धारा के तहत आरटीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची में निर्दिष्ट खुफिया और सुरक्षा संगठनों को भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों को छोड़कर जानकारी का खुलासा करने से छूट दी गई है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि शिकायत और आरटीआई आवेदन पर गौर करने से पता चलता है कि वे धनशोधन कारोबार, हवाला के जरिये धन के लेनदेन, कर चोरी और तस्करी गतिविधियों से जुड़ी जानकारी से संबंधित हैं।
उसने कहा, ये भ्रष्टाचार या मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित नहीं हैं, इसलिए ये धारा 24 (1) के प्रावधान के तहत छूट के दायरे में आते हैं। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा, सीआईसी के उक्त निष्कर्ष और निर्देश को रद्द किया जाता है। रिट (याचिका) को स्वीकार किया जाता है।
आरटीआई आवेदक ने 15 मई, 2017 को एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें सीईआईबी से धनशोधन कारोबार, हवाला के जरिये धन के लेनदेन, तस्करी और कर चोरी से संबंधित जानकारी मांगी गई थी और यह जानकारी शिकायत में नामजद कुछ व्यक्तियों से संबंधित थी।
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