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Adani Group- क्या डूब जायेगा अडानी का साम्राज्य ???

Adani Group

Adani Group – अडानी इंटरप्राइजेज ने बुधवार रात को अपने 20000 करोड़ रुपए के एफपीए (Follow on Public Offer, FPA) को वापस लेने का ऐलान किया है, साथ ही इंटरप्राइजेज की तरफ से सभी निवेशकों का पैसा लौटाने की भी घोषणा की गई है। अमेरिकी फॉरेंसिक फाइनेंसियल कंपनी हिडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में अदानी समूह पर उठाए गए गंभीर सवालों की वजह से अडानी इंटरप्राइजेज को यह बड़ा फैसला लेना पड़ा।

गौरतलब है अडानी इंटरप्राइजेज (Adani Group) का यह एफपीओ अब तक का सबसे बड़ा एफपीओ था और यह पूरी तरह से सब्सक्राइब यानी की बिक चुका था। इस एफपीओ में कई निवेशकों ने पैसा लगाया था। जिसमें कुछ बड़ी कंपनियां और अमीर लोगों के नाम शामिल है। बुधवार शाम को कंपनी के बोर्ड द्वारा एक बैठक की गई थी जिसमें एफपीओ वापस लेने का फैसला किया गया और साथ ही जिन्होंने भी एफओओ को सब्सक्राइब किया है उनके पैसे वापस किए जाने का भी फैसला लिया गया।

 

स्टॉक मार्केट में कंपनी के गिरते शेयरों की वजह से लिया गया यह फैसला –

एफपीओ को वापस लेने की वजह को लेकर कंपनी ने एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि स्टॉक मार्केट में कंपनी के शेयर में हो रही गिरावट को देखते हुए कंपनी की तरफ से एफपीओ को वापस लेने का फैसला किया गया है, क्योंकि मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस एफपीओ के साथ आगे बढ़ना नैतिक तौर पर निवेशकों के साथ गलत होगा और कंपनी के लिए निवेशकों का हित सर्वोपरि है। कंपनी निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाना चाहती है यही वजह है कि इस एफपीओ के साथ आगे न बढ़ने का फैसला किया गया है।

क्या डूब जाएगा अडानी (Adani Group) का साम्राज्य-

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को अडानी समूह की सभी कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। जिसके बाद उसी दिन कंपनी ने अपने एफपीओ को वापस लेने का फैसला किया। हालांकि अडानी समूह ने एफपीओ को रद्द करने के पीछे की वजह निवेशकों का हित बताया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एफपीओ सिर्फ 112 परसेंट सब्सक्राइब हुआ था, और इसमें खुदरा निवेशकों ने अधिक पैसे नहीं लगाए थे बल्कि अबू धाबी की एक बड़ी कंपनी ने इसमें पैसे लगाए थे। खुदरा निवेशकों ने मात्र 12% ही सब्सक्राइब किया था।

ऐसे में एफपीओ को रद्द करने का फैसला निवेशको का भरोसा कंपनी पर बनाए रखने की तरफ एक कदम है।

रिपोर्ट के मुताबिक अदानी समूह के शेयर में 86 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। इसकी वजह से सप्ताह भर पहले जो अडानी (Gautam Adani) 127 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति हुआ करते थे, वह बुधवार को शेयर गिरने के बाद 15वें स्थान पर खिसक आए हैं।

क्या एफपीओ वापस लेने का फैसला साबित हो सकता है घातक-

वरिष्ठ स्टॉक ब्रोकर के मुताबिक अभी अदानी समूह की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। हालांकि वरिष्ठ बैंकिंग अधिकारी के मुताबिक चूंकि स्टॉक मार्केट में कंपनी की स्थिति ठीक नहीं है, ऐसी स्थिति से बचने के लिए एपीओ वापस लेना ही उचित रास्ता है। परंतु एक अन्य फंड मैनेजर के अनुसार एफपीओ वापस लेने का फैसला कंपनी के लिए घातक साबित हो सकता है, क्योंकि कंपनी के इस फैसले से अन्य निवेशकों के पास यह संदेश जाएगा कि शेयर की कीमतों में गिरावट की वजह से निवेशक खुश नहीं है। और आगे आने वाले समय में कंपनी के कैपिटल बनने की क्षमता पर भी इसका असर पड़ सकता है।

वेरिटीडेटा के रिसर्च निदेशक के मुताबिक -” किसी कंपनी का आखिरी वक्त पर एफपीओ को रद्द करने का फैसला सामान्य नहीं है। इससे कंपनी पर लोगों का भरोसा कम होने का खतरा होता है।”

अब यह देखने वाली बात होगी कि आने वाले समय में अडानी समूह द्वारा लिया गया यह एफपीओ को रद्द करने का फैसला उनके लिए और कितनी मुश्किलें खड़ा करता है।

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