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Budget 2023- संसद में सनातन की गूंज, बजट पर चढ़ा हिंदू संस्कृति का रंग

Budget 2023-24

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन

Budget 2023- 1 फरवरी 2023 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद भवन में आम बजट 2023-24 ( Budget 2023-24 by Finance minister Nirmala Sitharaman) पेश किया। इस आम बजट पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई थी। आने वाले बजट को लेकर लोगों को बेहद उम्मीदें थी। यह आम बजट लोगों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरा, इसकी चर्चा हम बाद में करेंगे। सबसे पहले हम बात करते हैं, इस वर्ष बजट पेश करने के तरीके के बारे में।

इस वर्ष जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance minister Nirmala Sitharaman) संसद भवन में आम बजट पेश कर रही थी तो उसमें सनातन धर्म का बोलबाला देखने को मिला। बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने कई ऐसे सनातनी शब्दों का इस्तेमाल किया जो हिंदू धर्म, हिंदुस्तान और हिंदी भाषा के लिए गौरवान्वित करने वाला पल था।

अमृत काल का पहला बजट था ये –

जैसा कि आप सभी जानते हैं, भारत को ब्रिटिश शासन से आजाद हुए 75 वर्ष बीत चुके हैं, और पिछला पूरा वर्ष हम आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाते चले आए हैं। ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance minister Nirmala Sitharaman) ने जब आजादी के 75 वर्ष बाद पहला आम बजट पेश किया तो उसे ‘अमृत काल के पहले बजट’ का नाम दिया।

बजट (Budget 2023) पेश करते हुए वित्तमंत्री ने कई सनातनी शब्दों का क्या इस्तेमाल –

अमृत काल का पहला बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कई सनातनी शब्दों का इस्तेमाल किया। उदाहरण के लिए उन्होंने बजट की प्राथमिकताओं को “सप्तऋषि”, मोटे अनाज को “श्री अन्न”, युवा शक्ति को “अमृत पीढ़ी” और पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को “कर्मयोगी” नाम से पुकारा।

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण योजना को “मिशन कर्मयोगी” कह कर पुकारा। इसके अलावा उन्होंने “पंचामृत, अमृत धरोहर, भारतश्री” जैसे सनातनी शब्दों का भी इस्तेमाल किया।

वित्त मंत्री ने साल 2023-24 के आम बजट को लेकर कहा कि इस बजट को सात प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। जो एक दूसरे के पूरक है और ‘ अमृतकाल’ में हमारा मार्गदर्शन करने वाले ‘सप्तऋषि’ के रूप में काम करते हैं।

सूटकेस से बहीखाता तक, संसद में सनातन की गूंज –

साल 2023-24 के आम बजट की प्रस्तुति के दौरान संसद भवन में सनातन का बोलबाला देखने को मिला। पहले जहां बजट को पेश करने के लिए सूटकेस में रख कर संसद भवन में लाया जाता था, वहीं इस साल वित्त मंत्री के हाथ में लाल रंग का बहीखाता देखने को मिला। इसके अलावा संसद भवन में वितमंत्री द्वारा सनातनी शब्दों के इस्तेमाल से यह साफ है कि वक्त बदल रहा है। और एक बार फिर हिंदुस्तान में सनातन धर्म के उत्थान की तरफ कदम बढ़ रहा है।

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