नई दिल्ली। कांग्रेस ने अडाणी समूह के मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग पर एक बार फिर से जोर देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि जेपीसी के अतिरिक्त कोई अन्य समिति गठित करना इस पूरे प्रकरण में संबंधित कारोबारी समूह एवं सरकार को सही ठहराने एवं आरोपमुक्त बनाने की ही कवायद होगी।
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पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष सरकार ने जो समिति गठित करने का प्रस्ताव दिया है उससे शायद ही किसी तरह की पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने एक बयान में कहा कि 13 फरवरी की सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने विशेषज्ञ समिति गठित करने के संदर्भ में चर्चा की थी तथा उसने सरकार को 17 फरवरी तक अपना पक्ष रखने को कहा है।
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रमेश ने कहा कि जो आरोप लगे हैं, वो भारत सरकार और अडाणी समूह के बीच के निकट संबंधों के बारे में हैं। ऐसे में सरकार की ओर से प्रस्तावित सेवा शर्तों के साथ समिति गठित करने से शायद ही किसी प्रकार की स्वतंत्रता या पारदर्शिता का भरोसा हो सके। उनका कहना है कि अगर प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को जवाबदेह ठहराना है तो जेपीसी के अलावा कोई भी समिति इस मामले में चीजों को सही ठहराने और आरोप मुक्त बनाने की कवायद के अलावा कुछ नहीं होगी।
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