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Chetna Manch Special : सावधान : नेता व जनता दोनों को ठगा जा रहा है सोशल मीडिया के फेक एकांउटों से

Chetna Manch Special

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Chetna Manch Special: आज हम बात करते हैं एक ऐसे दिलचस्प विषय के बारे में जो आपके लिए जानना बेहद आवश्यक है। आप लोग तमाम तरह के सोशल मीडिया फ्रॉड्स के बारे सुनते हुए आये होंगे। आज हम आपको बताते हैं कैसे सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ तथाकथित पीआर एजेंसीज़ नेताओं की छवि चमकाने के नाम पर जनता के पैसे का जनता को ही गुमराह करने के लिए कैसे दुरुपयोग करती हैं।

Chetna Manch Special

हम सब जानते हैं कि देश के हर वर्ग की आबादी अब सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल करने लगी है। देश ही नहीं दुनिया की बड़ी आबादी ट्विटर, इंस्टाग्राम, फ़ेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लगातार ऐक्टिव भी रहती है। धीरे-धीरे प्रोडक्ट मार्केटिंग और ब्रांडिंग से लेकर ब्लॉग पढऩे और शेयर करने से लेकर अपनी हर रोज़ की अप्डेट्स शेयर करने तक हम लोग इन प्लेटफॉर्म्स के लगभग आदी हो चुके हैं। देखते ही देखते ना सिर्फ अभिनेता और बिजऩेस से जुड़े लोग ही बल्कि अब हमारे देश के छोटे बड़े सभी नेता भी इन प्लेटफॉर्म्स का भरपूर उपयोग करने लगे हैं और ज़्यादा से ज़्यादा वोट पाने के चक्कर में पुराने तरीक़े से प्रचार ना कर के अब इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करने लगे हैं।

कैसे बनते हैं उल्लू

एक बेहतर समाज और देश की भलाई के लिए जो नेता चुने जाते हैं वह अब सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी छवि निखारने और ज़्यादा से ज़्यादा जनता में बने रहने के लिए अपनी तारीफ़ पीआर कम्पनीज़ के माध्यम से करवाते रहते हैं। डिजीटल युग है और इसमें कोई बुराई भी नहीं है, लेकिन ये वर्चुअल वर्ल्ड जितनी सुविधा देता है उतना ही हानिकारक भी है। फर्जी ढंग से चमकाई गई कुछ छुटभैये नेताओं की छवि के चक्कर में जनता गुमराह हो जाती है। नेताओं से मोटा पैसा वसूलने वाली कुछ मार्केटिंग कंपनियाँ यहां पर इतनी आसानी से जनता और नेता सबकी आँखों में धूल झोंक देती हैं और किसी को पता भी नहीं चलता। इस प्रकार की कंपनियों को कुछ ‘‘नटवर लाल’’ किस्म के ठग चलाते हैं। हमारी टीम के रिसर्च करने पर कई चौंकाने वाले तथ्य प्रकाश में आए हैं। रिसर्च में सोशल मीडिया के कई ऐसे पेजेज भी सामने आए हैं जो आपको ट्विटर पर अभी दिख जाएँगे।

अधिक संख्या में फ़ॉलोवर्स वाले पेजेज की डिमांड्स के चक्कर में कुछ महिलाओं के नाम पर अकाउंट शुरू किया जाता है और हर रोज़ सोशल मीडिया से बिना परमिशन के लड़कियों के अलग-अलग मुद्राओं में फोटोज को उठाकर लगातार पोस्ट किया जाता है और पुरुषों से उस अकाउंट से बातचीत तक की जाती है।

एक उदाहरण के तौर पर बता दें कि जैसे अनीता सिंह नाम का फेक अकाउंट काफ़ी महीनों तक सीधी तस्वीरें डालकर अच्छी संख्या में फ़ॉलोवर्स इकट्ठे करता है और सोशल मीडिया पर पब्लिसिटी के बड़े-बड़े टेंडर हासिल कर लेता है। सीएम लेवल तक के टेंडर्स प्राप्त होने पर उन एकाउंट्स के नाम को ‘आयेंगे तो योगी ही’ ‘योगी के योद्धा’ वगैरा-वगैरा नाम रखकर बेच दिया जाता है। इस तरह से ना जाने कितने हजार पेजेज लगातार सोशल मीडिया पर बनाये और बेचे जाते हैं और अपने प्रचार की खुशी में कुछ भ्रष्ट नेता झोली भर-भर के जनता का पैसा इन मार्केटिंग कम्पनीज़ को देते हैं, जिन्हें फिर भोली भाली जनता यह समझ कर देखती है कि चुनाव में हवा का रुख़ किस पार्टी की तरफ है। (Chetna Manch Special)

कानूनी अपराध

यह बेहद चिंताजनक विषय ना सिर्फ जनता के लिए बल्कि नेताओं के लिए भी है, जिसमें ज़मीनी सच्चाई से वो बहुत दूर कर दिये जाएँगे और इस टेक्निकल सिस्टम के गुलाम बन जाएँगे। साइबर क्राइम के तहत इस तरह की फ़ेक आइडीज बनाना ना ही सिर्फ कानूनी अपराध है बल्कि देश की जनता को गुमराह करने का बहुत हानिकारक यंत्र है।

अनेक ठग

इस धंधे में कई तथाकथित पीआर एजेंसी संलग्न है। नोएडा में सक्रिय ‘‘नटवरलाल’’ से भी बड़े ठग के नाम से चर्चित एक व्यक्ति का तो यह धंधा मुख्य व्यवसाय बना हुआ है। इस प्रकार के धंधेबाजों ने कई छोटे-बड़े नेताओं को भी अपने जाल में फंंसा रखा है। ये नेता अपनी छवि चमकाने के नाम पर इस कदर अंधे हो गए हैं कि यह देखना भी उचित नहीं समझते कि जो तथाकथित पीआर एजेंसी उनका प्रचार कर रही है वह कंपनी लाखों के फालोवर्स वाले पेज कहां से ला रही है ? कुछ भोली-भाली सुंदर लड़कियों की आकर्षक तस्वीरें लगाकर जनता व नेताओं का उल्लू बनाने का यह ‘‘धंधा’’ इन दिनों खूब फल-फूल रहा है। ऐसे धंधेबाजों से सभी को सावधान रहने की जरूरत है। असली व नकली नेता का फर्क समझने के लिए विश्वसनीय मीडिया हाउस की खबरों पर ही भरोसा करें।

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