Holi Special : चारों तरफ आने वाली होली की धूम मची है, हर कोई बाजार जाकर तरह तरह के रंग खरीद रहा है, घरों में भांति भांति के मिष्ठान, गुजिया, पापड़ बनाए जा रहे हैं, सभी को होली जमकर मनाने की आस है, बच्चों के मनसूबे पिछली बार से भी बढ़कर धूम मचानी के हैं, हर तरफ अभी से हवाओं में होली के रंग नज़र आ रहे हैं, देवरों ने भाभियों को अभी से छेड़ना शुरू कर दिया है, हर तरफ होली की खुशी छाई हुई है और आख़िर ऐसा हो भी क्यों न आखिर होली है ही खुशियों का त्यौहार जो रोते को अपने रंग में रंग कर खुशियां दे जाता है, लोग आज ही के दिन तो अपने गिले शिकवे मिटाकर फिर से एक हो जाते हैं, दोस्त दोस्त से, भाई भाई से मिल जाता है और बस यही तो है होली, किसी भी त्यौहार का भाईचारे में इस से बढ़कर योगदान और क्या होगा?
Holi Special :
होली हिंदुओ के सबसे बड़े त्यौहारों में से एक है लेकिन इसे सिर्फ हिंदुओ का त्यौहार कहकर हम इसके अर्थ को संकुचित कर देते हैं, भारत जैसे प्राचीन देश में कोई भी त्यौहार किसी एक धर्म विशेष का नहीं बल्कि हर जाति, हर समूह और व्यक्ति का है फिर चाहे वह किसी भी भाषा, बोली और धर्म का हो।
हम होली की छव जीवन के हर क्षेत्र में देखते हैं, सबसे बढ़कर गीतों में, हां भारतीय गीतों में होली का रंग शायद सबसे अधिक है फिर चाहे वे पुराने समय से चले आ रहे लोक गीत हों या फिल्मी गाने, होली के रंग में रंगे हुए हैं। भगवान कृष्ण की रासलीलाएं भी होली के गीतों के बिना अधूरी हैं।
बात अगर फिल्मी गीतों की करें तो गीतकार दशकों से होली के रंग को अपने शब्दों में ढालते आ रह हैं, भारतीय फिल्मी गीतों ने होली को अपना आधार बनाया और श्रोताओं का दिल मोह लिया, पुरानी से लेकर नए दौर की फिल्में कहीं न कहीं अपने गीतों में होली के पर्व को जोड़ती आई हैं, जैसे होली के बिना उनकी फिल्म ही अधूरी हो, बात चाहे “रंग बरसे भीगे चुनर वाली” की करें या “बलम पिचकारी” की, हर गीत का अपना ढंग, अपना महत्व है। लोगों ने भी शुरू से ही इन गीतों को पसंद किया और होली मनाने के तरीकों में इन गीतों को भी जोड़ लिया। आज के समय ये कहना भी गलत ना होगा कि इन गीतों के बिना होली का त्यौहार भी पूरा नहीं, आखिर गीतों पर ही लोग नाचते, गाते हैं।
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हर कोई होली के दिन अपनी पसंद के गाने चलाता है और होली मनाता है, किसी के घर “ होरी खेले रघुवीरा अवध में” चलता है तो किसी के घर “आज ना छोड़ेंगे बस हमजोली”, किसी के घर “आली रे आली रे होली” चलता है तो किसी के घर “होली के दिन दिल खिल जाते हैं” चलता है और होली मनाई जाती है, लोग रंगों में मिल जाते हैं और गीतों के साथ वातावरण भी झूम उठता है।
भारत में शायद होली ही एक मात्र ऐसा त्यौहार है जिस पर शायद सबसे ज़्यादा गीत बने हों, इसका अर्थ यही है कि जिस तरह संगीत की कोई भाषा नहीं होती, कोई धर्म नहीं होता ठीक उसी तरह होली की भी कोई भाषा या मज़हब नहीं, जिस तरह संगीत लोगों को जोड़ता है ठीक उसी तरह होली भी सबको एक करती है, अपनत्व का भाव जगाती है। जिस तरह हम संगीत अथवा गीत की धुन में कुछ पल के लिए खो जाते हैं, कुछ पल के लिए सब परेशानियां भूल जाते हैं ठीक उसी प्रकार होली की धुन में हम अपना हर दुख हर बैर मिटा देते हैं।
होली और गीतों का ये मेल होली को एक अलग ही रंग दिए हुए है जिसमें लोग रंगे हुए हैं।
लेखक: आकाश