रिप्रोडक्टिव सिस्टम और हार्मोनल हेल्थ में सुधार के लिए योग है जरुरी
Anzar Hashmi
योग पुरुष हो या स्त्री सभी के लिए फायदेमंद होते हैं, इससे महिलाओं और पुरुषों को ढेर काफी लाभ मिलते हैं। लेकिन चूंकि महिलाओं को प्रेगनेंसी (PREGNANCY), मेंस्ट्रुअल प्रॉब्लम्स, फर्टिलिटी इशुज और मेनोपॉज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उनके लिए योग अधिक लाभदायक (BENEFICIAL) होता है। योग रिप्रोडक्टिव सिस्टम को ठीक रखने में काफी सहायता करता है। इससे शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की दिक्कत नहीं होती हैं। इसके अलावा शरीर में ब्लड सर्कुलेशन (BLOOD CIRCULATION) को नियंत्रित करता है जिससे प्रेगनेंसी के दौरान कोई परेशानी नहीं होती।
योग करने से ऑक्सीजन लेवल (OXYGEN LEVEL) भी ठीक रहता है। योग के कारण से प्रजनन अंगों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचने लगता है जिसकी वजह से प्रजनन क्षमता बढ़ती और हार्मोनल हेल्थ (HORMONAL HEALTH) में भी सुधार आता है। योग महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से खूब मजबूत रखने में मदद करता है।
योग पीरियड्स में के दौरान क्रैंप्स व पीसीओडी के मैनेजमेंट में भी काफी सहायता करता है। यह हमारे रिप्रोडक्टिव सिस्टम (REPRODUCTIVE SYSTEM) के काम करने की क्षमता को हर तरह से बढ़ाता है। योग आसन रिप्रोडक्टिव सिस्टम को डिटॉक्सीफाई कर देता है। अगर हमारा रिप्रोडक्टिव सिस्टम ठीक नहीं होता है तो इससे हमारी मेंटल, सोशल और फिजिकल लाइफ पर काफी प्रभाव पड़ता है। योग से इन सभी समस्याओं से निपटने में मदद होती है। यह स्ट्रेस और एंग्जाइटी को भी कम करता है। भोली परिहार बताती है कि जितने भी आसन जिनमें हम अपने पैर को खोलना शुरु कर देते हैं, वे सभी रिप्रोडक्टिव सिस्टम को इंप्रूव करने लगते हैं। इनमें कूर्मासन, भूनमन आसन, बद्धकोण, पश्चिमोत्तानासान और उपविष्ट कोण आसन काफी अहम है।