नईदिल्ली,राष्ट्रीय ब्यूरो।केंद्र की मोदी सरकार प्रधानमंत्री उज्ज्वला रसोई गैस योजना के तहत भले ही देश भर के गरीबों को मुफ्त गैस सिलेंडर बांटकर अपनी पीठ थपाथपा रही है। लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि महज एक साल के भीतर घरेलू रसोई गैस की कीमतों में 300 रुपए से ज्यादा की वृद्धि हो गई। ऊपर से खतम की गई रसोई गैस सब्सिडी की मार अलग से पड़ी। जिससे न केवल उज्ज्वला योजना के लाभार्थी बल्कि आम आदमियों के लिए भी एलपीजी रसोई गैस का इस्तेमाल करना मुश्किल हो गया है।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड(आईओसीएल) की वेबसाइट पर दर्ज इंडेन की कीमतें बताती हैं कि पिछले एक साल में रसोई गैस(एलपीजी) के मानक 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की कीमत अक्टूबर 2020 से 604.63 रुपए(चार महानगरों के औसत) से बढ़कर अक्टूबर 2021 तक रिकार्ड 906.38 रुपए तक पहुंच गई। 301.75 रुपए की यह बेहद चौकाने वाली बढ़ोत्तरी है। जिसने आम आदमियों का बजट बिगाड़ दिया है। उज्ज्वला लाभार्थी तो गैस चूल्हा उपलब्ध होने के बावजूद लकड़ी पर खाना पकाने के लिए मजबूर हो गए हैं। यही हाल कमोवेश डीजल-पेट्रोल का भी रहा। यहां भी कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई। चार महानगरों के औसत आंकड़े बताते हैं कि पेट्रोल की कीमतों में साल भर में 26 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई तो डीजल की कीमतों में इससे भी ज्यादा 31 फीसदी का उछाल आया। इन दोनों उत्पादों की बढ़ी कीमतों ने उपभोक्ताओं के लिए सब्जी,तेल,खाद्य पदार्थ सहित परिवहन पर आधारित सभी जरूरत की चीजों के दाम बढ़ा दिए।