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Hindi Kavita – मौसम

Happy Father’s Day 2024 

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Hindi Kavita – मौसम

आंखों में जब आता मौसम,
तोड़ किनारे जाता मौसम।

मिट्टी जब मिट्टी हो जाए,
बदल के चेहरे आता मौसम।

रोशनदान खुला क्या रखा,
यादों सा भर जाता मौसम।

फूलों पे हैं ओस की बूंदे,
जैसे हो मुस्काता मौसम।

सूरज का बादल में छिपना,
घूंघट में शर्माता मौसम।

दस्तक देती है खामोशी,
शोर मचाता आता मौसम।

बारिश में छतरी खोली ना,
बचपन सा इतराता मौसम।

शाम सिंदूरी ढलता सूरज,
साहिल पर अलसाता मौसम।

जीवन का तो चक्र यही है,
हर पल आता जाता मौसम।

कुछ पल की ही धुंध है जस्सी,
मंजिल है दिखलाता मौसम।

जस्सी

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यदि आपको भी कविता, गीत, गजल और शेर ओ शायरी लिखने का शौक है तो उठाइए कलम और अपने नाम व पासपोर्ट साइज फोटो के साथ भेज दीजिए चेतना मंच की इस ईमेल आईडी पर-  chetnamanch.pr@gmail.com

हम आपकी रचना को सहर्ष प्रकाशित करेंगे।

 

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