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Mukhtar Ansari: अतीक के बाद क्या अब अंसारी की है बारी ?

Mukhtar Ansari: After Atik, is it Ansari's turn now?

Mukhtar Ansari: After Atik, is it Ansari's turn now?

 

Mukhtar Ansari: दशकों तक कानून को अपनी मुट्टी में लेकर दहशत मचाने वाले माफिया से राजनेता बने बाहुबलियों पर कानून का डंडा सख्ती से चल रहा है। इसी कड़ी में कुख्यात माफिया अतीक अहमद के बाद पूर्वांचल के एक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का नंबर आया है। गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी और उनके भाई माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर मामले में कोर्ट ने फैसले के लिए 29 अप्रैल तारीख लगाई दी है।

Mukhtar Ansari:

 

16 साल पुराने गैंगस्टर केस में मुख्तार और उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी के खिलाफ गाजीपुर एमपी / एमएलए कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अंसारी बंधुओं पर पुलिस ने 22 नवंबर 2007 को गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। मुख्तार अंसारी पर चंदौली में 1996 कोयला व्यवसायी नंदकिशोर रुंगटा अपहरण व हत्या कांड और कृष्णानंद राय हत्या कांड को जोड़कर गैंग चार्ट बनाया गया था और अफजाल अंसाटी पर कृष्णानंद राय हत्याकांड को लेकर गैंग चार्ट बनाया गया था।

23 सितंबर 2022 को अफजाल एवं मुख्तार के खिलाफ अदालत में आरोप तय किए गए थे। जिसके बाद कई दिनों तक बहस हुई। बीते 1 अप्रैल को अफजाल अंसारी की ओर से बहस पूरी हो गई। इसके बाद दूसरे दिन बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की भी बहस पूरी हुई। जिसके बाद अदालत ने 15 अप्रैल को फैसला सुनाने की तारीख नियत की थी। मुख्तार को गैंगस्टर के एक अन्य मामले में इसी अदालत ने बीते साल 15 दिसंबर 2022 को 10 साल की सजा सुनाई थी।

सजा होने पर जा सकती है अफजाल की सांसदी

इस मामले में अधिकतम 10 साल सजा का प्रावधान है। ऐसे में अगर अफजाल अंसारी दोषी पाए जाते हैं और उन्हें इतनी ही वर्षों की सजा सुनाई जाती है तो उनकी सांसदी जानी तय है। अफजाल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी के टिकट पर सांसद बने थे। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को हराया था। सजा मिलने के बाद अफजाल भी उन नेताओं की सूची में शामिल हो जाएंगे, जिन्होंने जनप्रतिनिधित्व कानून के कारण अपनी सांसदी अथवा विधायकी गंवाई है।

2005 में हुई थी बीजेपी विधायक की हत्या

पूर्वांचल का माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और उसके बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी पर बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है। 29 नवंबर 2005 के मुहम्मदाबाद थाने के बसनिया चट्टी में बीजेपी विधायक समेत 7 लोगों को गोलियों से भून दिया गया था। बताया जाता है कि ये हत्या माफिया मुख्तार के इशारे पर ही हुई थी। दरअसल, गाजीपुर की मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर अंसारी परिवार का वर्चस्व रहा करता था, जिसे 2002 के विधानसभा चुनाव में कृष्णानंद राय ने खत्म कर दिया था।

राय ने उस चुनाव में मौजूदा सांसद और मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को हरा दिया था। बताया जाता है कि भाई की हार पर मुख्तार बौखला गया था और जिसके बाद ये घटना हुई। हत्याकांड के समय मुख्तार जेल में बंद था। लंबी कानूनी कार्रवाई के बाद सीबीआई ने सभी आरोपियों जिसमें अफजाल अंसारी, संजीव माहेश्वरी, एजाजुल हक, रामू मल्लाह, मंसूर अंसारी, राकेश पांडे को बरी कर दिया था। बाद में मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या कर दी गई थी। वर्तमान में मोहम्मदाबाद सीट से दिवंगत कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय बीजेपी की विधायक हैं। कृष्णानंद राय हत्याकांड केस की फिर से जांच करने की याचिका कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।

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