Sex Education : सब जानते हैं कि Sex यानि काम अथवा संभोग ही हमारी सृष्टि का मूल आधार है। दुनिया में जो कुछ भी पैदा हो रहा है। उसका मूल आधार Sex ही तो है। फूलों का खिलना, पक्षियों का चहकना, मोर का नाचना, बच्चों का जन्म लेना सबका मूल आधार तो Sex ही है। इस सबके बावजूद इस अति महत्वपूर्ण विषय पर हम न तो बात करते हैं और न ही इस विषय की ठीक-ठीक शिक्षा की व्यवस्था हमने की है। भारत में तो Sex एजुकेशन को आज भी एक छुपी ढकी चीज के तौर पर ही देखा जाता है। समाज में किसी भी स्तर पर इस विषय में बात तक नहीं की जाती है।
क्या कहती है। Sex गुरू सीमा आनंद ?
Sex के विषय पर खुलकर बोलने व लिखने वाली प्रसिद्ध लेखिका सीमा आनंद Sex के विषय में सटीक बात करती हैं। हाल ही में सीमा आनंद ने एक निजी चैनल को लम्बा इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू में सीमा आनंद साफ कह रही हैं कि हर आयु वर्ग के स्त्री व पुरूष के लिए Sex Education बेहद जरूरी है। सवाल-जवाब के स्टाइल में हुए इस इंटरव्यू में सीमा आनंद कहती हैं कि महर्षि वात्सायन ने “कामसूत्र” पुस्तक की रचना करके मानवता के ऊपर बड़ा उपकार किया है। यदि हम और अधिक कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो कम से कम हर उम्र के स्त्री व पुरूष को “कामसूत्र” पढ़ना और पढ़ाना चाहिए।
सीमा कहती हैं कि Sex की शिक्षा हर उम्र के स्त्री व पुरूष के लिए आवश्यक है। प्रत्येक उम्र के लोगों में Sex को लेकर तरह-तरह के मिथक मौजूद हैं। ऋषि वात्सायन तथा कोक शास्त्र के रचियता कोका ऋषि ने अपनी-अपनी रचनाओं में तमाम मिथक तोड़े हैं। उनका मत है कि कामसूत्र के सात खडों में Sex से जुड़ी हुई प्रत्येक धारणा व अवधारणा का जवाब मौजूद है। कामसूत्र में वर्णित 64 काम कलाओं के विषय में भी सीमा आनंद ने विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल आवश्यक नहीं है कि कोई पुरूष (नायक) अथवा स्त्री (नायिका) सारी कलाएं जानते हों। इन कलाओं का कुल अर्थ इतना है कि जो स्त्री अथवा पुरूष जितनी अधिक बहुमुखी प्रतिभा का धनी होगा वह अपने पार्टनर के लिए उतना ही अधिक आकर्षक व चाहने योग्य होगा।
प्रेमी-प्रेमिका के संदेश !
इस इंटरव्यू में सीमा आनंद ने यह भी बताया कि पुराने जमाने में प्रेमी व प्रेमिका बड़े ही अनोखे अंदाज में एक-दूसरे को संदेश देते थे। जब प्रेमिका अपने हाथों से पान तैयार करके प्रेमी को खिलाती थी तो उसका संदेश यह होता था कि अब वह Sex के लिए पूरी तरह से तैयार है। पान भी कई प्रकार से बनाए व दिए जाते थे। पान का एक प्रकार ऐसा भी होता था जिससे यह संदेश जाता था कि अब उनका रिश्ता और नहीं चलेगा। यानि “ब्रेकअप” वाला पान। सीमा आनंद ने बताया कि मूक रहकर इशारों-इशारों में बातें की जाती थीं। वे एक किस्सा सुनाती हैं कि भगवान कृष्ण व उनकी प्रेमिका राधा पूरे समाज के साथ हवन पर बैठे हुए थे। तभी कृष्ण ने अपनी अंगूठी को दूसरी हथेली से ढककर राधा को मूक संदेश दिया कि आज सूर्य अस्त होने के बाद मिलेंगे। सीमा का मत है कि आज भी प्रेमी व प्रेमिका अथवा पति-पत्नी के बीच प्यार मोहब्बत की बात करने का सबसे बेहतरीन व कारगर तरीका मूक भाषा में दिए जाने वाले संदेश ही हैं।
कौन हैं सेक्स गुरू सीमा आनंद
दरअसल सीमा आनंद भारतीय मूल की एक अप्रवासी NRI महिला हैं। वे लंदन में रहती हैं। उनकी उम्र के विषय में सही-सही जानकारी उपलब्ध नहीं है। जानकार उनकी उम्र 62 वर्ष बताते हैं। उनके तीन बच्चे भी हैं। वे मूलरूप से महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त सीमा आनंद Sex Education के ऊपर उन्होने अनेक किताब लिखी हैं। महर्षि वात्सायन की प्रसिद्ध रचना कामसूत्र पर उनका व्यापक अध्ययन है। उसी के आधार पर वे Sex की शिक्षा का प्रचार व प्रसार कर रही हैं।