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Irrfan Khan : अपने किरदारों में हमेशा जीवित रहेंगे इरफ़ान!

Irrfan Khan

His acting will always be an inspiration for young actors.

आज से ठीक तीन साल पहले यानि 29 अप्रैल 2020 को बॉलीवुड के एक सुपरस्टार Irrfan Khan ने महज 53 वर्ष की उम्र में संसार को अलविदा कह दिया था। आज बॉलीवुड इंडस्ट्री से लेकर आम जनता, जो उनके अभिनय की हमेशा प्रशंसक रहेगी, सभी उन्हें याद कर रहे हैं। उनकी तीसरी पुण्यतिथि पर उनकी पत्नी सुतापा और उनके बेटे बाबिल खान ने भी उनके जीवन के एक रोल मॉडल रहे Irrfan Khan को याद किया। वे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नाम की बीमारी से पीड़ित थे और उन्होंने एक साल तक इसका इलाज ब्रिटेन में करवाया था लेकिन वर्ष 2019 में वे भारत लौट आये।

सुतापा सिकंदर ने बताये वो आखिरी पल

Irrfan Khan की पत्नी सुतापा सिकंदर ने बताया कि ज़ब वे अपने जीवन के अंतिम समय में काफी कमजोर भले ही हो गए थे लेकिन उनके चेहरे पर किसी तरह की नाराजगी नहीं होती थी। आखिरी बार हॉस्पिटल जाने से पहले भी उन्होंने मुझे यह आश्वासन दिया कि सब कुछ ठीक है। काफी कमजोर हो जाने के चलते सुतापा ने उन्हें कपड़े पहनने में मदद की और उनके बाल सँवारे। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा कि यह आखिरी बार होगा और उसके बाद वे नहीं लौटेंगे।

मौत के लिए उत्सुक थे इरफ़ान

वैसे तो हर कोई मौत का नाम सुनकर ही घबराता है लेकिन इरफ़ान खान जैसे बिरले लोग ही मौत के बारे में भी उत्सुकता से सोचते हैं। उनके करीबी लोगों ने बताया कि इरफ़ान मौत के बाद अपने अगले जीवन के बारे में काफ़ी उत्सुक होकर सोचते थे। उनके बेटे बाबिल ने यह भी बताया कि उन्होंने अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी भी खुद ही कर दी थी। बाबिल ने बताया कि ज़ब उनकी मौत से ठीक दो दिन पहले वे अस्पताल में उनके साथ थे तब उन्होंने बाबिल की तरफ देखा और कहा कि मैं मरने जा रहा हूँ और फिर मुस्कुराते हुए वे सोने चले गए।

ऐसा फ़िल्मी करियर जो लोगों को करता है इंस्पायर

Irrfan Khan को बेहद करीब से जानने वाले लोग बताते हैं उन्हें क्रिकेट का बहुत शौक था और वे खुद भी एक क्रिकेटर बनना चाहते थे। लेकिन शायद उनके भाग्य के सितारों को कुछ और ही मंजूर था। वे एक इलेक्ट्रिकल ट्रेनिंग पर मुंबई आये हुए थे और उन्हें राजेश खन्ना जैसे बड़े कलाकार के घर का AC ठीक करने के लिए भेजा गया। इसके बाद उन्हें एक्टिंग का शौक लगा और वे ड्रामा स्कूल में माँ से छुपाकर भर्ती हो गए।

इसके बाद उन्हें सलाम बॉम्बे में एक छोटा सा रोल मिला लेकिन यह छोटा रोल ही उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बना। इसके बाद Irrfan Khan ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और एक के बाद एक पान सिंह तोमर, लंच बॉक्स और न जाने कितनी फिल्मों से न केवल बॉलीवुड में अपना लोहा मनवाया बल्कि विदेशों में भी उनकी एक्टिंग और आवाज़ को काफी पसंद किया गया।

Irrfan Khan

ज़ब उन्हें अपनी बीमारी के बारे में पता चला तब भी इरफ़ान ने एक हीरो वाला किरदार पकड़ कर रखा और दो साल इस बीमारी से जूझते हुए भी उन्होंने अंग्रेजी मीडियम जैसी सुपरहिट फ़िल्म पूरी की। आज भी बॉलीवुड के कई स्टार उनको अपना रोल मॉडल मानते हैं और उनकी कला से काफी कुछ सीखने की कोशिश कर रहे हैं।

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