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स्थापना दिवस : अंग्रेजों ने चिढ़कर हरियाणा का विकास नहीं किया था

 विनय संकोची

जो हरियाणा महाभारत काल से ही बहुधान्यक व बहुधना प्रदेश के रूप में विख्यात है, आज उसी हरियाणा का स्थापना दिवस है। वैदिक भूमि हरियाणा की धरती पर ही ब्रह्मा ने प्रथम यज्ञ करके सृष्टि का सृजन किया था। वामन पुराण के अनुसार राजा कुरु ने कुरुक्षेत्र की अति पावन भूमि में 7 कोस क्षेत्र में भगवान शिव के प्रिय वाहन नंदी को सोने के धार फार से युक्त हल में जोत कर कृषि युग का सूत्रपात किया था।

कहा तो यह भी जाता है कि महर्षि वेदव्यास ने हरियाणा की पावन धरा पर ही ‘महाभारत’ महाकाव्य की रचना की थी। यहीं पर महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को ‘गीता’ का दिव्य संदेश दिया था। कहते हैं महाभारत के युद्ध से पहले भी कुरुक्षेत्र में 10 राजाओं के बीच युद्ध हुआ था, लेकिन महाभारत का युद्ध धर्म की संस्थापना के लिए लड़ा गया था। ‘गीता’ के दिव्य संदेश के कारण कुरुक्षेत्र पूरी दुनिया में विख्यात हो गया।

हरियाणा का इतिहास गौरवशाली लोगों के संघर्ष की गाथा है। 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा के वीरों ने त्याग, बलिदान और वीरता का नया इतिहास रचा।

भारतीय गणराज्य के एक पृथक प्रदेश के रूप में हरियाणा की स्थापना 1 नवंबर 1966 को हुई। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा के वासियों की भागीदारी को देखते हुए अंग्रेज शासकों ने 1858 में बदले की भावना से इस क्षेत्र को पंजाब में मिला दिया। राजनीतिक रूप से हरियाणा अलग हो गया, लेकिन सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से यहां के रहने वाले दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिक नजदीकी बने रहे। अंग्रेजों ने बदले की भावना से हरियाणा को तमाम सुविधाओं से वंचित रखा। अंग्रेजों ने जानबूझकर यहां शिक्षा, उद्योग, संचार, व्यापार, सिंचाई आदि का विकास नहीं किया। यही कारण था कि ब्रिटिश राज में हरियाणा शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से पिछड़ा रहा।

44,212 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले हरियाणा में 22 जिले हैं और आबादी ढाई करोड़ से ज्यादा है। प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ है और इसकी सीमाएं उत्तर में पंजाब और हिमाचल से, दक्षिण एवं पश्चिम में राजस्थान से जुड़ी हुई हैं। यमुना नदी इसके उत्तर प्रदेश राज्य के साथ पूर्वी सीमा को परिभाषित करती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली हरियाणा से तीन ओर से घिरी हुई है। हरियाणा का दक्षिणी क्षेत्र नियोजित विकास के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल है।

वैदिक सभ्यता और सिंधु घाटी सभ्यता का मुख्य निवास स्थान रहे हरियाणा को 1966 में भारत के सत्रहवें राज्य के रूप में पहचान मिली। हरियाणा खाद्यान्न और दुग्ध उत्पादन में देश का प्रमुख राज्य है। 1960 के दशक की हरित क्रांति में हरियाणा का बड़ा भारी योगदान रहा।

हरियाणा में 154 नगर तथा कस्बे हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले अट्ठारह नगर हैं। हरियाणा में साक्षरता दर में ऊर्ध्व प्रवृत्ति देखी गई है। 87.46 प्रतिशत आबादी के साथ हिंदू राज्य में बहुसंख्यक हैं। प्रमुख अल्पसंख्यक मुसलमान और सिख हैं, जिनका प्रतिशत क्रमशः लगभग 7 और 5 है। हरियाणा में पंजाब के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी सिख आबादी है।

कृषि की दृष्टि से समृद्ध हरियाणा में तकरीबन 65 प्रतिशत लोगों की जीविका खेती पर निर्भर है। राज्य के घरेलू उत्पाद में करीब 27 प्रतिशत योगदान कृषि क्षेत्र का ही है। देश के 60 प्रतिशत से अधिक बासमती चावल का निर्यात अकेले हरियाणा से ही किया जाता है।

खेल के क्षेत्र में हरियाणा को टक्कर देने वाला देश का अन्य कोई राज्य नहीं है। हर खेल में यहां के खिलाड़ी कमाल दिखाते रहे हैं। हरियाणा में कम से कम 440 खेल नर्सरियां स्थापित हैं। यहां एक ही स्थान पर हर तरह के खेल की सुविधा है। राज्य में 232 मिनी स्टेडियम और 21 जिला स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और दो प्रदेश स्तरीय स्पोर्ट कॉम्प्लेक्स हैं। देश में हरियाणा ही ऐसा राज्य है, जहां स्कूल स्तर पर मेडल जीतने पर सरकार इनामी राशि देती है। पंजाब से अलग होकर है या हरियाणा ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और यह सिलसिला निरंतर जारी है।

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