नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पिछले एक साल में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की बाजार पूंजी में 35 प्रतिशत की गिरावट आई है। लेकिन, सरकार का ध्यान सिर्फ एक उद्योगपति को बचाने पर है।
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साल 2022 में 5.48 लाख करोड़ रुपये थी पूंजी बाजार
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि एलआईसी की बाजार पूंजी मई, 2022 में 5.48 लाख करोड़ रुपये थी। मई 2023 में 3.59 लाख करोड़ रुपये है। गिरावट 35 प्रतिशत की है। साहेब का बस एक ही फोकस- सेठ को कैसे बचाएं। चाहे जनता की मेहनत की कमाई लुट जाए, या शेयर धारकों का निवेश डूब जाए! इससे पहले, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को एक अन्य ट्वीट में दावा किया था कि एलआईसी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध किए जाने के बाद से इसकी बाजार पूंजी में 35 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। उन्होंने कहा था कि आज से ठीक एक साल पहले शेयर बाज़ार में एलआईसी को सूचीबद्ध किया गया था। तब इसका बाजार पूंजी 5.48 लाख करोड़ रुपये था। आज यह घटकर 3.59 लाख करोड़ रुपये रह गया है। 35 प्रतिशत की भारी गिरावट। इस तेज़ गिरावट का एकमात्र कारण है- मोदानी। इस प्रक्रिया में लाखों लाख पॉलिसीधारकों को गंभीर नुक़सान हुआ है।
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एनआईसी को अडाणी के स्टॉक से करोड़ों का फायदा
इस पर भारतीय जनता पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने रमेश पर अधूरी सूचना के आधार पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था। उन्होंने एलआईसी के प्रमुख सिद्धार्थ मोहंती के एक बयान का हवाला देते हुए ट्वीट किया था कि एलआईसी का अडाणी समूह में निवेश एक प्रतिशत से कम है। एलआईसी को अडाणी समूह के स्टॉक से करोड़ों का फायदा हुआ। पॉलिसीधारकों को कोई जोखिम नहीं है।
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