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एक लाश को मांग रहे 5 लोग, ओडिशा रेल हादसे की दर्दभरी कहानी पीड़ितों की जुबानी

Odisha Train Accident

Odisha Train Accident

Odisha Train Accident / नई दिल्ली। ओडिशा में हुए दर्दनाक रेल हादसे ने बहुत से परिवारों का सबकुछ छीन लिया है। वहीं कोरोमंडल एक्सप्रेस फिर से पटरी पर दौड़ने लगी है। इस दर्दनाक ट्रेन हादसे में दर्जनों लाश अभी भी ऐसी हैं, जिनकी पहचान नहीं हुई है और वह अपने अंतिम संस्कार का इंतजार कर रही हैं। ऐसे में एक लाश ऐसी भी मिली है, जिसे लेने और अंतिम संस्कार करने के लिए पांच अलग अलग लोग दावेदारी कर रहे हैं। आखिर ये लाश किसकी है और इसे पाने के लिए पांच लोगों द्वारा इस लाश की मांग क्यों की जा रही है। आइए जानते हैं…

Odisha Train Accident

आपको बता दें कि ओडिशा रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है। हादसे में एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 205 मृतकों की पहचान हो चुकी है, जबकि शेष की तलाश होना बाकी है।

मोहम्मद इनाम उल हक ने बताया कि मेरे भतीजों और मेरे भाई की ट्रेन हादसे में मौत हो गई थी, इसलिए हम उनके शव लेने आए हैं। हम पिछले चार दिनों से यहां घूम रहे हैं। मेरे भाई और दो भतीजे (तौसीफ आलम और तौसीर आलम) इस ट्रेन में यात्रा कर रहे थे, जिनकी मौत हो गई। हमें आज AIIMS में एक भतीजे की बॉडी तो मिल गई है, अब मैं अपने भाई और दूसरे भतीजे की तलाश कर रहा हूं।

4 दिन से तलाश रहा भाई और भतीजे को

इनाम ने कहा कि मैंने उनकी तलाश में वह सब कुछ किया है जो मैं कर सकता था, मैं उन सभी अस्पतालों में गया, जहां अधिकारियों ने मुझे जाकर जांच करने के लिए कहा. मैंने उन्हें हर जगह ढूंढा लेकिन अभी तक कोई नहीं मिला. अब कहा जा रहा है कि DNA सैंपल देना होगा. वे कह रहे हैं कि जिसका भी डीएनए मैच होगा, हम उसी को बॉडी दे देंगे.

एक लाश के 5 दावेदार

मोहम्मद इनाम उल हक ने कहा कि मेरा एक भतीजा है जिसकी हमने पहचान तो कर ली है, लेकिन पांच और दावेदार हैं जो कह रहे हैं कि यह उनका रिश्तेदार है। इसलिए उसकी बॉडी का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। यहां जिम्मेदार लोग कह रहे हैं कि जिससे उसका डीएनए टेस्ट होगा उसी को बॉडी मिलेगी।

बॉडी लेने के लिए DNA टेस्ट ही ऑप्शन’

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, जब मोहम्मद इनाम उल हक से पूछा गया कि DNA टेस्ट कैसे होगा, इस पर उन्होंने कहा कि मैं दूसरे भतीजे के डीएनए सैंपल के साथ एक डीएनए परीक्षण करवा रहा हूं। वे इस बच्चे के डीएनए के साथ मेरे भतीजे की लाश के डीएनए का मिलान करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पास यह पता लगाने के लिए डीएनए परीक्षण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि यह किसकी बॉडी है। पूरी प्रक्रिया में लंबा समय लगता है।

‘हादसे में बेटे और 2 पोतों को खोया’

ट्रेन हादसे में मारे गए 12 वर्षीय बच्चे के दादा निज़ामुद्दीन ने कहा कि वह मेरा पोता है। उसकी बॉडी तो मिल गई है, लेकिन इसके पिता और इसके बड़े भाई का अभी तक कुछ भी पता नहीं चल सका है। खूब कोशिश की, यहां वहां भटका लेकिन मेरा बेटा और एक पोता अभी भी नहीं मिल सके हैं। सिर्फ एक पोते की बॉडी मिली है तो मजबूरी में इसे ही अपने साथ लेकर जा रहा हूं।

कब और कैसे हुआ था ओडिशा रेल हादसा ?

ट्रेन नंबर 12481 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के (शालीमार-मद्रास) मेन लाइन से गुजर रही थी, उसी वक्त डिरेल होकर वो अप लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। ट्रेन पूरी रफ्तार (फुल स्पीड) में थी, इसका परिणाम यह हुआ कि 21 कोच पटरी से उतर गए और 3 कोच डाउन लाइन पर चले गए। दरअसल, बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है।

ऐसे में दोनों ही ट्रेनों की रफ्तार तेज थी। बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतरी तो ट्रेन के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े। इसी दौरान हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। हादसा भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से करीब 171 किलोमीटर और खड़गपुर रेलवे स्टेशन से करीब 166 किलोमीटर दूर स्थित बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ।

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