Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार बहुत जल्द समान नागरिक संहिता लाने जा रही है। जिसका मंसौदा एक्सपर्ट कमेटी ने बनाकर तैयार कर लिया है और जल्द ही सरकार को सौंप देगी। अगर यूसीसी लागू हो जाता है तो गोवा के बाद उत्तराखंड दूसरा ऐसा राज्य होगा जहां सभी पर सारे कानून समान रूप से लागू होंगे। यूसीसी की ड्राफ्ट कमेटी सदस्य और रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने कहा की कमेटी ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि ,धार्मिक संप्रदायों के नेताओ और तमाम सामाजिक कार्येकर्ताओं से बात करने के बाद मुझे ये बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि उत्तराखंड के प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का मंसौदा अब पूरा हो गया है। ड्राफ्ट के साथ ही विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट भी उत्तराखंड सरकार को जल्द ही सौंपी जाएगी।
UCC पर छिड़ा सियासी संग्राम:—
Uttarakhand News: एक बार फिर से यूसीसी की चर्चा देश भर में छिड़ने के बाद राजनीतिक गलियारों में संग्राम मंच गया है। लगभग समूचा विपक्ष यूसीसी की चर्चा पर आग बबूला हुआ है। उधर सत्तारूढ़ पार्टी का कहना है कि अगर आपको यूसीसी को लेकर मन में कोई शंका है तो आप विधि आयोग को बता कर अपनी शंका का समाधान कर लीजिए। प्रधानमंत्री मोदी के बयान के बाद तो विपक्षी दल खुलकर यूसीसी के खिलाफ टूट पड़े है। उनका कहना है की जब प्रधानमंत्री खुद खुलकर यूसीसी की वकालत कर रहे है तो विधि आयोग को पत्र या सुझाव देने से क्या फायदा।
मजहबी आजादी का हनन कर रही है सरकार—
जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा की सरकार मुस्लिमों से उनका मजहबी आजादी छीनना चाहती है ,जो अधिकार उन्हें संविधान ने दिया है। सत्तापक्ष यूसीसी की आड़ में उस आजादी पर प्रहार कर रही है और हम कुछ नही कर सकते सिवाय देखने के। वही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक संबोधन में कहा की हम लोगो ने किसी भी धर्म पर प्रतिबंध नहीं लगाया है हम बस वो कर रहे है जिसको करने की इजाजत संविधान हमे देता है। साथ ही उन्होंने कहा की एक देश में एक कानून होना चाहिए। समाजवादी पार्टी के सांसद सफीकुर्रहमान बर्क ने कहा की हम कोई भी फैसला नहीं मानेंगे। यह हमारे मज़हब का मामला है हम उलेमा–मुफ्तियों का ही फैसला मानेंगे। सरकार को सबको विश्वास में ले कर ही चलना होगा किसी भी प्रकार की मनमानी हम अपनी धार्मिक आजादी पर सहन नही करेंगे ।