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PCOD: पीसीओडी का क्यों शिकार हो रही है महिलाएं… 

निकिता चौहान

भागदोड भरी ज़िंदगी महिलाएं इतनी व्यस्त हो गई हैं कि अपनी सेहत का ही नहीं ध्यान रख पा रही हैं । महिलाएं अक्सर अपनी स्वास्थ्य की ओर लापरवाह होती हैं, ऐसे में व्यस्त दिनचर्या के बीच कुछ स्वास्थ्य समस्याएं इन्हें अक्सर परेशान कर सकती हैं। इनसे बचने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पीरियड्स से जुड़ी छोटी लापरवाहियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज या पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, जिसे शॉर्ट में पीसीओडी  कहा जाता है, बताया जाता है कि करीब 30 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी से जूझ रही हैं। आइए जानते हैं विस्तार से –

क्या है पीसीओडी

पीसीओडी एक ऐसी बीमारी है जो आजकल महिलाओं में बेहद ही आम पाई जाती है। पीसीओडी में, हार्मोनल असंतुलन के कारण ओवरी में छोटी-छोटी गांठ या मल्‍टीपल सिस्‍ट बन जाते हैं। जिससे बॉडी मेल हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है जिसके कारण मुंहासे और चेहरे के बाल बढ़ने लगते हैं। इस समस्‍या के चलते लड़कियां को पीरियड्स में भी कई तरह की प्रॉब्‍लम्‍स का सामना करना पड़ता है। कहा जाता है कि पीसीओडी का सबसे बड़ा कारण आजकल की व्‍यस्‍त और अन्‍हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल है।

क्यों होती है पीसीओडी की बीमारी?

इस बीमारी की कोई एक मुख्य वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है। लेकिन यह जरूर क्लियर है कि हमारे दैनिक जीवन का रहन-सहन और खान-पान में गड़बड़ी होना इस बीमारी की एक वजह है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि हमारे जीवन में तेजी से बढ़ रहा तनाव और बदला हुआ लाइफस्टाइल इस बीमारी के कारण बनते हैं। क्योंकि तनाव के कारण और लाइफस्टाइल बदलने के कारण हमारे शरीर की बायॉलजिकल क्लॉक गड़बड़ा जाती है। इससे हम सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी बीमार होने लगते हैं।

आज के समय में देर रात तक जागना और फिर दिन में देर तक सोना आम बात हो गई है। जबकि ऐसा करने से हमारे शरीर में हॉर्मोन्स का सीक्रेशन बुरी तरह प्रभावित होता है। यही वजह है कि पीसीओडी के साथ ही मोटापा और डिप्रेशन तेजी से हमारे समाज में बढ़ रहे हैं।

क्या होते हैं पीसीओडी के लक्षण?

पहले सिर्फ लेट उम्र में शादी करने के कारण PCOD की समस्या का महिलाओं को सामना करना पड़ता था लेकिन अब टीनऐज के बाद ही लड़कियां इस दिक्कत से ग्रसित हो रही हैं। जरूरी नहीं है कि हर लड़की या महिला में पीसीओडी के लक्षण एक जैसे ही हों। किसी को चेहरे पर बाल आने की समस्या हो सकती है या शरीर के अन्य अंगों पर घने बाल उग सकते हैं। तो किसी को पीरियड्स के समय बहुत अधिक दर्द होना या बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने की समस्या भी हो सकती है। ये दोनों समस्याएं एक साथ या इनमें से कोई एक भी हो सकती है। जबकि पीसीओडी के कारण कुछ महिलाओं को समय पर पीरियड्स ना होने जैसे लक्षण नजर आते हैं। इनके पीरियड्स अक्सर समय से पहले या ज्यादातर केसेज में डेट निकलने के बाद ही आते हैं।हालांकि एक सप्ताह पहले या एक सप्ताह बाद पीरियड्स आना नॉर्मल होता है, उन महिलाओं में जिनका साइकल हमेशा इसी रिद्म में आता हो। अगर आपके साथ यह समस्या अचानक शुरू हुई है तो आपको डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए।  चेहरे पर मुहांसों का होना-ओवरी में सिस्ट चेहरे ,गर्दन, बांह, छाती, जांघों आदि जगहों पर धब्बे पर दाग धब्बे,तेलीय चेहरा या डैन्ड्रफ भी दे सकता है। मुंहासों की शुरुआत धीमी होती है पर जब इनकी अति हो जाए, तब कोई घरेलु उपचार आज़माने की बजाए डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं।

इस तरह बचें पीसीओडी

1.नियमित व्यायाम करें  : पैदल घूमना, जॉगिंग, योग, ज़ुम्बा डांस, एरोबिक्स,साइक्लिंग, स्विमिंग किसी भी तरह का शारीरिक व्यायाम रोज़ करें। व्यायाम के साथ आप मैडिटेशन भी कर सकती ही जिससे तनाव काम होगा। प्राकृतिक जगहों पर सैर करने जाएं जिससे केवल आपका तनाव ही दूर नहीं होगा बल्कि वजन भी कम होगा जिससे मासिक धर्म सही समय पर आ सकते हैं।

2. अच्छा खानपान : जंक फ़ूड,अधिक मीठा,फैट युक्त भोजन,अत्यधिक तैलीय पदार्थ,सॉफ्ट ड्रिंक्स, का सेवन बंद कर अच्छा पौष्टिक आहार लेना ज़रूरी है। अपनी डाइट में फल,हरी सब्जियां,विटामिन बी युक्त आहार,खाने में ओमेगा 3 फेटी एसिड्स से भरपूर चीज़ें शामिल करें जैसे अलसी, फिश, अखरोट आदि। आप अपनी डाइट में नट्स, बीज, दही, ताज़े फल व सब्जियां ज़रूर शामिल करें। दिन भर भरपूर पानी पीएं। मीठा खाने से परहेज करें क्योंकि डाइबिटीज़ होना इस बीमारी कारण हो सकता है। किसी भी तरह का मोटापा पैदा करने वाला पदार्थ जैसे, सफेद आटा, पास्ता, डब्बाबंद आदि न खाएं।

गायिनोलॉजिस्ट डॉ. चंचल शर्मा से बातचीत पर आधारित

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