Friday, 29 November 2024

भारत में लोकतंत्र के लिए आज है बड़ा दिन, संसद में होगा कुछ ”खास” No Confidence Motion in Lok Sabha

सार भारतीय लोकतंत्र के संचालन का सबसे बड़ा केंद्र भारत की संसद यानि लोकसभा व राज्यसभा है। बृहस्पतिवार (आज) को…

भारत में लोकतंत्र के लिए आज है बड़ा दिन, संसद में होगा कुछ ”खास” No Confidence Motion in Lok Sabha

सार

भारतीय लोकतंत्र के संचालन का सबसे बड़ा केंद्र भारत की संसद यानि लोकसभा व राज्यसभा है। बृहस्पतिवार (आज) को इसी संसद में कुछ ”खास” होने वाला है। इस कारण राजनीतिक विश्लेषक आज के दिन को भारत के लिए बेहद खास दिन मान रहे हैं।

विस्तार

No Confidence Motion : भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा हथियार ‘बोलने की आजादी’ को माना जाता है। ऐसे में यदि देश की कार्यपालिका (सरकार) का मुखिया ही बोलना बंद कर दे तो स्थिति विकट हो जाती है। ऐसी ही एक विकट स्थिति से इस समय भारत का लोकतंत्र जूझ रहा है। हुआ यह है कि मणिपुर प्रदेश में दुनिया का सबसे बड़ा युद्ध कराने वाले ”महाभारत” का कारण बने द्रोपदी के चीरहरण से भी बड़ी घटना घटित हुई है।

No Confidence Motion in Lok Sabha

दुर्भाग्य से ”महाभारत काल” के राजा धृतराष्ट्र की ही तरह भारत के PM नरेंद्र मोदी इस चीरहरण पर ”मौन धारण” किए हुए हैं। इस ”मौन” को तुड़वाने के लिए देश के विपक्षी दलों का गठबंधन INDIA संसद में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा स्पीकर ओम बिडला स्वीकार कर चुके हैं। आज अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में बहुत कुछ खास होगा। सबको पता है कि इस अविश्वास प्रस्ताव में सरकार जीतेगी और विपक्ष हारेगा। फिर भी राजनीतिक विश्लेषक इस अविश्वास प्रस्ताव को भारत के लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा दिन बता रहे हैं।

क्या कहते हैं विश्लेषक

राजनीतिक विश्लेषक श्रीमती अंशू नैथानी का मानना है कि महाभारत में द्रोपदी के चीरहरण के वक्त उस समय के धृतराष्ट्र का मौन तुड़वाने की किसी के पास कोई जुगत नहीं थी। भारत के विपक्षी नेताओं ने मणिपुर में दो दो द्रो​पदियों के चीरहरण पर पीएम मोदी का मौन तुड़वाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव को बड़ी जुगत के रुप में ​पेश किया है। इस प्रस्ताव में सरकार की जीत होनी है और विपक्ष को हारना है। श्रीमती नैथानी का स्पष्ट मत है कि इस प्रस्ताव के कारण पीएम मोदी के पास मणिपुर की घटना पर बोलने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। इस प्रकार की जीत, विपक्ष की ही जीत तथा लोकतंत्र की जीत हो जाएगी और आज का दिन भारत के संसदीय इतिहास का एक बड़ा दिन साबित होगा।

वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक समीक्षक महेश कुमार शिवा का मत है कि मणिपुर की घटना पूरी मानवता को कलंकित करने वाली घटना है। इस घटना का पूरा सच अविश्वास प्रस्ताव के जरिए संसद से देश के सामने आएगा। यह भारत के लोकतंत्र के लिए एक बड़ी बात है। वें मानते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव लाकर देश का समूचा विपक्ष मणिपुर की दर्दनाक स्थिति पर पीएम मोदी का मौन तुड़वाने में सफल होगा। No Confidence Motion in Lok Sabha

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