Udupi Video Case : कर्नाटक के उडुपी शहर में एक प्राइवेट संस्थान में पढ़ने वाली तीन छात्राओं के द्वारा एक अन्य छात्रा का प्राइवेट वीडियो बनाने से जुड़े मामले में गंभीर कदम उठाया गया है। सख्त कार्यवाही का रुख अपनाते हुए पुलिस प्रशासन ने तीनों छात्राओं एवं कॉलेज प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
Udupi Video Case
प्रकरण में दर्ज हुई एफआईआर आईपीसी की धारा-509,204,175,34 और आईटी ऐक्ट की धारा 66(ई) के अंतर्गत है। इस एफआईआर में तीन छात्राओं शभनाज, अल्फिया और अलीमा को नामित किया गया हैं। वहीं इसके साथ -साथ कॉलेज प्रशासन को भी आरोपी बताया गया है।
संम्प्रदायिक वैमनस्य एवं भेदभाव को बढ़ाने वाला है यह मामला
कर्नाटक के उडुपी (Udupi Video Case) में स्थित “नेत्र ज्योति इंस्टिट्यूट ऑफ अलायड हेल्थ साइंसेज” नामक कॉलेज के टॉयलेट में यह घटना 18 जुलाई को हुई। आरोपी छात्राओं का कहना है कि उन्होंने यह सब एक प्रैंक वीडियो के तौर पर किया था और बाद में वीडियो को डिलीट भी कर दिया था।
लेकिन प्रैंक के तौर पर इस तरह की निंदनीय घटना लोगों के गळे नहीं उतर रही है। वहीं इस मामले में आरोपी तीनों छात्राएँ मुस्लिम सम्प्रदाय से आती हैं और जिस छात्रा का प्राइवेट वीडियो रिकॉर्ड हुआ वह हिंदु है। ऐसे में मामला तेज़ी से सामाजिक भेदभाव का रंग लेता हुआ भी दिख रहा है।
जमकर हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन
इस मुद्दे (Udupi Video Case) को लेकर ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक बवाल मचा हुआ है। लोगों ने तीनों मुस्लिम आरोपी लड़कियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है। इस मामले को तूल पकड़ता देख कर कॉलेज प्रशासन ने तीनों छात्राओं को सस्पेंड कर दिया है।
राजनीतिक रंग लेता हुआ भी दिख रहा है मामला
कर्नाटक में वर्तमान समय में कांग्रेस का शासन है और ऐसे में बीजेपी किसी भी हाल में कांग्रेस पर आरोप लगाने से नहीं चूकना चाहती है। बीजेपी के सदस्यों का कहना है कि कांग्रेस प्रशासन आरोपी छात्राओं को बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है।
वहीं महिला आयोग की सदस्य खुशबु सुन्दर ने कहा कि, यह घटना बेहद निंदनीय है और इस मामले की पूरी जानकारी लेने के लिए वे खुद कर्नाटक के udupi में स्थित इस पैरामेडिकल कॉलेज में जा रही हैं।