Friday, 29 November 2024

MP News:1000 साल पुराने गोपाल मंदिर मे जन्माष्टमी पर राधा और कृष्ण की सजावट 100 करोड़ के गहने से की जाती है

MP News हिंदू धर्म मे श्री कृष्ण भागवान को विष्णु भगवान का 8 वां अवतार माना गया है । इन्हें…

MP News:1000 साल पुराने गोपाल मंदिर मे जन्माष्टमी पर राधा और कृष्ण की सजावट 100 करोड़ के गहने से की जाती है

MP News हिंदू धर्म मे श्री कृष्ण भागवान को विष्णु भगवान का 8 वां अवतार माना गया है । इन्हें कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता है। हमारे देश मे उनके कई  प्रसिद्ध मंदिर भी है । उनमे से एक प्रसिद्ध मंदिर ग्वालियर का फूलबाग मंदिर है जहां राधा और कृष्ण की सजावट 100 करोड़ के गहने से की जाती है । तो आज हम जनमाष्टमी के अवसर पर इस मंदिर के बारे मे आपको बताने जा रहें है ।

जन्माष्टमी के पावन अवसर पर हर कोई कृष्ण भक्ति मे लीन रहता है और अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार श्री कृष्ण भगवान को सजाते है । उन्ही सजावट मे से एक प्रसिद्ध सजावट है ग्वालियर के फूलबाग मंदिर की जहां राधा कृष्ण को 100 करोड़ के गहने पहनाए जातें है । यह मंदिर मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित है। हर बार की तरह इस बार भी शहर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है। जिसके लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

इस साल 2023 मे जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को मनाई जा रही है । ग्वालियर मे स्थित  गोपाल मंदिर की खासियत यह है कि यहां पर जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर  राधा-कृष्ण की मूर्तियों का विशेष श्रृंगार किया जाता है। यहां राधा-कृष्ण की मूर्ति को करोड़ों के गहने पहनाएं जाते हैं।

यह परंपरा आजादी से पूर्व की है:

ग्वालियर का फूलबाग मंदिर
ग्वालियर का फूलबाग मंदिर

MP News फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक है। यह लगभग 1000 साल पुराना बताया जाता है। 1921 में सिंधिया राज के तत्कालीन महाराज माधवराव ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। भगवान के श्रृंगार के लिए सिंधिया ने ही गहने बनवाए थे। गोपाल मंदिर में स्थापित भगवान राधा-कृष्ण की प्रतिमा को इन जेवरात से सुसज्जित करने की परंपरा आजादी के पूर्व से है। जन्माष्टमी के अवसर पर राजपरिवार के लोग वा आमजन दर्शन को आते थे।

समय के साथ प्रशासन की निगरानी मे होता है श्रंगार:

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आजादी के बाद गोपल मंदिर और  उससे जुड़ी सारी सम्पत्ति जिला प्रशासन और निगम प्रशासन के आधीन हो गया । इन जेवरातों में हीरे-जवाहरात से जड़ा स्वर्ण मुकुट, पन्ना और सोने का सात लड़ी का हार, शुद्ध मोती की मालाएं, हीरे जड़े कंगन, हीरे व सोने की बांसुरी, प्रतिमा का विशालकाय चांदी का छत्र, चांदी के बर्तन, भगवान श्रीकृष्ण व राधा के झुमके, सोने की नथ, कंठी, चूडियां, कड़े समेत अन्य बहुत सा सामान शामिल हैं। इन जेवरात को बैंक के लॉकर से भारी सुरक्षा के बीच लाया जाता है और श्रृंगार किया जाता है । फिर मंदिर के पट भक्तों के लियें खोल दिये जाते है ।

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इतना ही नहीं इस मंदिर की सुरक्षा में बड़ी संख्या में सुरक्षा जवानों की तैनाती होती है। पूरे मंदिर की निगरानी सीसीटीवी कैमरे से की जाती है ।

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