UP News : उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के लिए सरकार कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती है। इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार की ओर से हर क्षेत्र में काम किया जा रहा है। एक ओर जहां राज्य में एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर उद्योगों को लगाने के लिए आसानी से जमीन और दूसरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। अब महाकुंभ-2025 से पहले उत्तर प्रदेश को एक और बड़ी सौगात देने की तैयारी है।
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दरअसल देश के दूसरे सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे को इस साल के अंत तक पूरा कर संचालित करने की योजना है। इसके लिए अधूरे काम को युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है। महाकुंभ 2025 से पहले उत्तर प्रदेश को गंगा एक्सप्रेसवे के रूप में देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे मिल जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे की प्रस्तावित लंबाई 594 किमी है, जो मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा।
518 गांवों से होकर गुजरेगा गंगा एक्सप्रेस-वे
उत्तर प्रदेश को पूरब से पश्चिम तक जोड़ते हुए ये एक्सप्रेस-वे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। इसके बाद मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक की दूरी को महज कुछ घंटों में ही तय किया जा सकेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में (एनएच 19) पर जूडापुर दादू गांव के समीप पर समाप्त होगा। 7467 हेक्टेयर भूमि पर तैयार होने वाले इस एक्सप्रेस-वे परियोजना की लागत 36,230 करोड़ रुपये है। गंगा एक्सप्रेस-वे को शुरुआत में छह लेन, जबकि आगे चलकर आठ लेन में विस्तार किये जाने का प्रस्ताव है। इसकी डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा होगी। एक्सप्रेस-वे पर विभिन्न स्थानों पर 9 जनसुविधा परिसरों को विकसित किया जाएगा। दो स्थानों पर मुख्य टोल प्लाजा (मेरठ और प्रयागराज) जबकि रैम्प टोल प्लाजा 15 स्थानों पर प्रस्तावित हैं।
हवाई पट्टी का भी होगा निर्माण UP News
गंगा नदी पर (960 मीटर) और रामगंगा नदी पर (720 मीटर) जैसे बड़े सेतु का निर्माण भी होना है। यही नहीं शाहजहांपुर के जलालाबाद तहसील के पास 3.50 किमी लंबे हवाई पट्टी का भी निर्माण होगा। गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के दौरान चार प्रमुख विभागों से मिलने वाली 153 अनापत्तियां में से 141 को प्राप्त कर लिया गया है। इनमें एनएचएआई/पीडब्लूयडी से 48 में से 44, रेलवे से 7 में से 7, सिंचाई विभाग से 88 में से 82 और फ्यूल पाइपलाइन से 10 में से 8 अनापत्तियां प्राप्त कर ली गई हैं। गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण में आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर और अडाणी इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी बड़ी कंपनियां हैं।
UP News यूपी में है सर्वाधिक एक्सप्रेस-वे
उत्तर प्रदेश फिलहाल देश में सर्वाधिक एक्सप्रेस-वे वाला राज्य है। यहां 6 एक्सप्रेस-वे संचालित हैं, जबकि 7 निर्माणाधीन हैं। भारत के शीर्ष 10 लंबे एक्सप्रेस-वे में भी प्रदेश के चार एक्सप्रेस-वे पहले से ही हैं। गंगा एक्सप्रेस-वे के संचालन के साथ शीर्ष 10 में यूपी के पांच एक्सप्रेस-वे शामिल हो जाएंगे।
31 दिसंबर तक संचालित होगा एक्सप्रेस-वे
योगी आदित्यनाथ की ख्याति ‘पर्सन ऑफ एक्शन’ के रूप में बढ़ती ही जा रही है। जन कल्याणकारी योजनाओं के साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट्स को तेजी से धरातल पर उतारने के लिए संकल्पबद्ध योगी सरकार अब गंगा एक्सप्रेस-वे को कार्यान्वित करने में जुटी हुई है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यदायी एजेंसी यूपीडा के अधिकारियों के साथ इस संबंध में गहन बैठक करते हुए हर हाल में साल के अंत तक गंगा एक्सप्रेस-वे को संचालित करने के निर्देश दिए हैं। बता दे कि 2025 में महाकुंभ से पहले ही इस बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेस-वे को शुरू कर दिया जाएगा।
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