Bharat Ratna to Advani : भाजपा के संस्थापक लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का एलान किया गया है। इस बात की घोषणा खुद पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर दी है।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा है “मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने भी उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी। हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है। उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।”
I am very happy to share that Shri LK Advani Ji will be conferred the Bharat Ratna. I also spoke to him and congratulated him on being conferred this honour. One of the most respected statesmen of our times, his contribution to the development of India is monumental. His is a… pic.twitter.com/Ya78qjJbPK
— Narendra Modi (@narendramodi) February 3, 2024
लाल कृष्ण अडवाणी रहे हैं भाजपा के संस्थापक सदस्या
2015 में मिला था पदम विभूषण
लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को कराची में हुआ था। वे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहने वाले थे।
राजनीतिक कारियर
आडवाणी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वालंटियर के तौर पर की थी।
1970 से 1972 तक जनसंघ की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष रहे।
1973 से 1977 तक जनसंघ के राष्ट्र अध्यक्ष रहे।
1977 में ही जनता पार्टी के महासचिव भी बने।
वे चार बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे।
1977 से 1979 तक वे केंद्र मोरारजी देसाई की सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे।
वे 1986-91 और 1993-98 और 2004-05 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। 1989 में वे 9वीं लोकसभा के लिए दिल्ली से सासंद चुने गए।
1989-91 तक वे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे।
1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में वे गांधीनगर से लोकसभा सांसद चुने गए।
1998 से लेकर 2024 तक एनडीए सरकार में गृह मंत्री रहे। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 2002 से 2005 तक उप प्रधानमंत्री भी रहे।
2015 में उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्माव पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों उन्होंने यह सम्मान हासिल किया।