Saturday, 30 November 2024

Inflation: महंगाई से आम आदमी हुआ बेहाल, 8 फीसदी खुदरा मुद्रास्फीति दर पहुंचने से लगा झटका

नई दिल्ली: आम आदमी को जबरदस्त झटका देने वाली महंगाई का सरकारी आंकड़े जारी किया चुका है। अप्रैल में खुदरा…

Inflation: महंगाई से आम आदमी हुआ बेहाल, 8 फीसदी खुदरा मुद्रास्फीति दर पहुंचने से लगा झटका

नई दिल्ली: आम आदमी को जबरदस्त झटका देने वाली महंगाई का सरकारी आंकड़े जारी किया चुका है। अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति (Inflation) 7.79% के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है। जब जबकि खाद्य मुद्रास्फीति की दर 8.38% पर बनी हुई है। इससे पहले मार्च में खुदरा महंगाई 6.95 फीसदी पहुंच गई थी जो 17 महीने का हाई लेवल माना जा रहा था।

RBI की लिमिट से पार हुई महंगाई

भारतीय रिजर्व बैंक को देखा जाए तो महंगाई (Inflation) की अपर लिमिट 6% तय कर दी गई है। महंगाई के लिए टोलरेंस बैंड 2-6 फीसदी रखा जा चुका है। लेकिन अप्रैल का डेटा स्पष्ट तौर पर बताता है कि ये अब उससे काफी ऊपर जाना शुरू हो गई है। ये लगातार चौथा महीना है जब महंगाई दर आरबीआई की तय लिमिट से ऊपर हो चुकी है।

इससे पहले फरवरी में देखा जाए तो भी खुदरा महंगाई दर 6.07% और जनवरी में 6.01% हो गई थी। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित देखा जाए तो खुदरा महंगाई वाले आंकड़े सांख्यिकी और और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी हुआ है।

खाने-पीने की चीजों के दाम में हुआ इजाफा

खाने-पीने की चीजों के दाम बेकाबू होना शुरू हो गई हैं। अप्रैल में बात करें तो फूड बास्केट की महंगाई के आंकड़े भी इसकी स्पष्ट तौर पर पुष्टि कर रहे हैं। अप्रैल में खाद्य महंगाई 8.38% पर पहुंच गई है। जबकि मार्च 2022 में यह 7.68% पर पहुंच गई थी और पिछले साल अप्रैल में 1.96% हो गई थी।

खाने-पीने की महंगाई बढ़ाने में सबसे बड़ा हाथ खाद्य तेल की कीमतों में तेजी आना शुरू हो गया है। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट भी महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण माना जा रहा है।

यूक्रेन संकट से महंगाई पर पड़ा असर

यूक्रेन संकट शुरू हो गया था जिसके चलते रिजर्व बैंक को लग रहा था कि खुदरा महंगाई मार्च में अपने पीक पर रहने जा रही है। अप्रैल से इसमें ढलान आना शुरू हो जाएगी और यह धीरे-धीरे कम होने के बाद 4 फीसदी पर पहुंच जाएगी। बदले हालात में देखा जाए तो महंगाई के फिलहाल कम होने की कोई गुंजाइश नहीं माना जा रहा है।

महंगाई के और बढ़ जाने से रेपो रेट तेजी से बढ़ने का खतरा तेज हो चुका है। इससे आम लोगों की जेब पर दोतरफा मार पड़ना शुरू हो गया है।

 

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