Sunday, 1 December 2024

Digital Currency : देश में नए युग का आगाज, मिलेगी पहली डिजिटल मुद्रा

New Delhi : नई दिल्ली। देश के लोगों के लिए एक खुशखबरी मिल सकती है। मंगलवार को उन्हें पहली डिजिटल…

Digital Currency : देश में नए युग का आगाज, मिलेगी पहली डिजिटल मुद्रा

New Delhi : नई दिल्ली। देश के लोगों के लिए एक खुशखबरी मिल सकती है। मंगलवार को उन्हें पहली डिजिटल मुद्रा मिल सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक आज डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा। आम बजट 2022-23 के वादे और सितंबर, 2022 में की गई घोषणा पर अमल करते हुए हुए आरबीआई ने प्रायोगिक तौर पर सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी-डिजिटल रुपये) की शुरुआत करेगा। प्रायोगिक तौर पर सिर्फ सरकारी प्रतिभूतियों के थोक लेन-देन में ही डिजिटल रुपये के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है।

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रिजर्व बैंक ने देश के नौ सरकारी और निजी बैंकों को इस प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी है। जिन बैंकों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डिजिटिल रुपये के उपयोग की इजाजत दी गई है, उसमें यूनियन बैंक आफ इंडिया, स्टेट बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक मोहद्रा बैंक, यस बैंक, आइडीएफसी, एचएसबीसी शामिल हैं। अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है तो दूसरे कई क्षेत्रों में प्रायोगिक तौर पर सीबीडीसी के इस्तेमाल की शुरुआत की जाएगी। कुछ महीनों के भीतर खुदरा वित्तीय लेन-देन में भी डिजिटल रुपये के प्रयोग की इजाजत दिए जाने की संभावना है। इसका संकेत आरबीआई ने डिजिटल रुपये पर जारी अपनी विस्तृत रिपोर्ट में दी थी।

आरबीआई ने कहा कि डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट को कुछ खास स्थलों पर चयनित ग्राहकों और कारोबारियों के बीच एक महीने तक चलाया जाएगा। इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी। इससे मिली सीख और अनुभव के आधार पर इसका विस्तार करने की संभावना जताई गई है। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि थोक में डिजिटल रुपये के प्रयोग से प्रतिभूति बाजार में अंतर-बैंकिंग लेन-देन और ज्यादा प्रभावशाली बन सकेगी। सेटलमेंट की प्रक्रिया की लागत कम हो सकेगी। रिजर्व बैंक ने यह भी बताया है कि दूसरे लेन-देन में भी थोक लेन-देन की तरह डिजिटल रुपये का इस्तेमाल शुरू किया जाएगा।

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आरबीआई ने डिजिटल करेंसी पर वर्ष 2020 में ही एक समिति गठित की थी। इस समिति की सिफारिशों के आधार पर सितंबर, 2022 में एक प्रपत्र में जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह पारदर्शिता लाने के साथ ही वित्तीय लेन-देन की लागत को भी कम करेगा। इसके फायदे को देखते हुए इसे दूसरे क्षेत्रों में भी इसके इस्तेमाल का रास्ता तलाशा जाएगा। आरबीआई ने यह भी कहा कि डिजिटल करेंसी को नकदी की तरह ही लोकप्रिय बनाने के लिए कई कदम उठाने होंगे। इसे नकदी हस्तांतरण की तरह से सुरक्षित और गोपनीय बनाने के विकल्प पर भी विचार किया गया है। हालांकि यह भी माना गया है कि एक अलग स्वरूप होने की वजह से डिजिटल रुपये को नकदी की तरह गोपनीय नहीं बनाया जा सकता। लेकिन ग्राहकों की पहचान और उसके डाटा को सुरक्षित रखने की पूरी व्यवस्था व गारंटी की जाएगी।

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